हरियाणा के 4 से 5 जिलों में जिस प्रकार कट्टरपंथी आतंकियों ने सुनियोजित हमले किए उनकी लगभग सारी सच्चाई सबके सामने है लेकिन फिर भी जो लोग देखना ना चाहे या जिनकी आंखों पर सेक्युलरिज्म का अथवा भाईचारे का चश्मा लगा हो या जो दलाली के बोझ तले दबे हुए हो वह इस सच्चाई को ना समझना चाहते हैं और ना ही कभी समझ पाएंगे
चुन-चुन कर हिंदुओं को मारने वाले इस्लामिक कट्टरपंथियों से गलती हो गई कि उन्होंने नीरज का पूरा नाम नहीं देखा जिसमें पीछे खान लगा था और नीरज को मौत के घाट उतार दिया अब उनके परिवार में मातम है। वहीं दूसरे मामले में शक्ति सिंह जो एक मुस्लिम की ही दुकान पर काम करता था और मुस्लिम मोहल्ले में ही रहता था जिसे भरोसा था कि मुस्लिम तो अच्छे हैं मेरा कुछ नहीं करेंगे लेकिन उसकी यह सेक्युलरिज्म और भाईचरे वाली सोच 31 जुलाई को दम तोड़ गई जब इस्लामी कट्टरपंथियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उनके लिए वह सिर्फ काफिर था।
उपरोक्त वीडियो से यदि कोई भी समझदार इंसान समझना चाहे तो बहुत कुछ समझ सकता है और इस समस्या के निदान के लिए विचार कर सकता है। हम मुसलमान के बहिष्कार की बात नहीं करते लेकिन आतंकियों, दंगाइयों और जिहादियों का बहिष्कार करना कहां गलत है, अब इन्हें पहचानने को बात है तो वो आप समझें की कैसे पहचानना है..
अब उस सवाल की बात करेंगे जो अंत में रजत शर्मा ने इस वीडियो में पहुंचा कि आखिर इस हैवानियत के जिम्मेदार कौन है? तो सीधी सी बात है कि यह प्रश्न पूरी तरह बेकार है क्योंकि दुनिया जानती है कि आखिर इन आतंकी हमलों का जिम्मेदार कौन है लेकिन किसी में हिम्मत नहीं कि वह अपने मुंह से बता सके कि आखिर जिम्मेदार कौन है इसलिए या आतंकी लोग लगातार आगे बढ़कर अपनी गंदी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं अब जरूरत है इन्हें पहचानने की और खुलकर बताने की कि जिम्मेदार कौन है