अमन चोपड़ा .. नाम तो सुना ही होगा, भाई ने अनेकों अनेक जेहादियों, वामपंथियों और उनके समर्थकों को ऐसा डोज दिया की पिछवाड़े से 24घंटे आग निकल रही हैं। अमन चोपड़ा वैसे भी वामियों, जेहादियों आदि के निशाने पर रहते ही हैं और अब तो मौलाना लोग अपनी औकात के अनुरूप धमकी दे रहे हैं और लेफ्ट लिबरल चरित्र हैं का प्रयास कर रहे हैं।
अमन चोपड़ा ने पत्थरबाजों, दंगाइयों का परमानेंट इलाज करने की बात कही तो अनेकों अनेक पत्थरबाज दंगाइयों के समर्थक सामने आ गए और अमन चोपड़ा पर अपनी भाषा में हमला बोलने लगे, कुछ अनपढ़ लोगों ने तो परमानेंट इलाज - को फाइनल सॉल्यूशन बता दिया, जबकि परमानेंट इलाज का पूरा अंग्रेजी होता है परमानेंट ट्रीटमेंट, और पूरा हिंदू होता है स्थाई सामधान। अब भाई समस्या है तो स्थाई समाधान तो होना ही चाहिए, लेकिन कुछ लोग हैं जो पत्थर बाजी में भी रोजगार ढूंढते हैं, तो को परमानेंट इलाज का विरोध करने उतर पड़े।
एक न्यूज रिपोर्टर को दिए बयान में मौलाना ये कहता हुआ नजर आ रहा है, “मैं ऐसे पत्रकारों से कहता हूँ भईया, आपके मोहल्ले में भी लोग हैं। राहत इंदौरी ने कहा था कि लगेगी आग तो आएँगे जद में कई घर, यहाँ पर सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है। अमन चोपड़ा जी आपका मकान भी यहीं है। कभी इसी रास्ते से घर जाओगे। अगर दंगाई मिल गए न तो चंगाई मिल जाएगी उसी दिन।”
अअब भले ही हमारे देश का महान कानून जिसकी आंखों पर पट्टी लगी है वह इस मौलाना की धमकी को समझे या नहीं लेकिन देश का हर व्यक्ति इस मौलाना की सीधी और सटीक धमकी को समझता है।
वायरल वीडियो क्लिप में मौलाना सीधे-सीधे धमकी दे रहा है। इसका अर्थ है कि अमन चोपड़ा भी एक दिन दंगाइयों के शिकार हो सकते हैं। मौलाना को साफ कहते सुना जा सकता है कि ‘तुम्हारे भी पड़ोसी हैं। आप यहीं रहते हैं और इन्हीं रास्तों से गुजरते हैं। एक दिन दंगाई आपको घेर सकते हैं, आपका उनसे आमना-सामना हो सकता है। तब आपको एहसास होगा कि आप किसके खिलाफ बोल रहे हैं’।
इससे पहले, न्यूज 18 के एंकर अमन चोपड़ा को स्व-घोषित सेक्युलर-लिबरल्स ने टारगेट किया था, जो वर्तमान में हरियाणा के नूहं में हिंदुओं के खिलाफ इस्लामी हिंसा की एक और घटना को रफा-दफा करने के लिए बेताब हैं।
बता दें कि 31 जुलाई 2023 को हरियाणा के नूहं में हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर मेवात के कट्टरपंथी मुस्लिमों ने बर्बरता से हमला किया था। हालाँकि, मुख्यधारा की मीडिया और उनके सेक्युलर-लिबरल गैंग ने इस हिंसा को ‘रैली के दौरान हुई मामूली झड़प’ के रूप में प्रचारित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों ने जल्द ही साबित कर दिया कि यह एक योजनाबद्ध हमला था।
इस हमले दिन यानी 31 जुलाई को अपने शो ‘देश नहीं झुकने देंगे’ में न्यूज 18 के एंकर अमन चोपड़ा ने नूहं हिंसा पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला था कि यात्रा हर साल होती है। इस दिन भी सावन का सोमवार था, जो हिंदुओं के लिए एक शुभ दिन है। उन्होंने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि नूहं में हिंदू अल्पसंख्यक हैं।
हिन्दुओं के धार्मिक जलाभिषेक यात्रा पर यह क्रूर हमला किया गया, जिसमें जमकर हिंसा, आगजनी और बर्बरता हुई। इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए अमन चोपड़ा ने बड़े पैमाने पर हुए पथराव के मुद्दे पर प्रकाश डाला। उनके शो का विषय ही था, “कितने पत्थरबाज, कब पर्मानेंट इलाज”
चोपड़ा ने पूछा कि नूहं हमला हिंदुओं के मानवाधिकार के हनन का विषय क्यों नहीं है। इस पर कोई बहस क्यों नहीं छेड़ी जा रही, जो वास्तव में नूहं क्षेत्र में अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पथराव की घटनाएँ चिंताजनक हैं और सरकार को इसका स्थायी समाधान करने की जरूरत है।
अमन चोपड़ा के शो से तिलमिलाए सेक्युलर-लिबरल गैंग ने उन पर हमला कर दिया। उनके बॉस को टैग किया और मुकेश अंबानी पर भी निशाना साधा। यहाँ तक कि ‘पर्मानेंट इलाज’ की तुलना हिटलर के ‘अंतिम समाधान’ से कर डाली।
अजीत अंजुम, साक्षी जोशी, रवीश कुमार, रोहिणी सिंह और राहुल देव ऐसे कुछ नाम हैं, जिन्होंने नूहं हिंसा के मुद्दे पर कवरेज के लिए अमन चोपड़ा पर निशाना साधा। रवीश कुमार ने पोस्ट किया कि विपक्षी नेताओं को मुकेश अंबानी से मिलकर चर्चा करनी चाहिए कि कैसे उनके समूह के स्वामित्व वाला एक समाचार चैनल नफरत फैला रहा है।
रोहिणी सिंह ने न्यूज 18 के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई को टैग करते हुए लिखा कि वह अपने चैनल पर रोजाना ‘नफरत’ क्यों फैलने दे रहे हैं। उन्होंने एंकर पर आम नागरिकों को ‘अमानवीय’ बनाने का आरोप भी लगाया।
साक्षी जोशी ने न्यूज़ 18 के शो का एक कोलाज साझा किया। इसमें से अधिकांश अमन चोपड़ा के ‘देश नहीं झुकने देंगे’ शो के थे। इसमें जोशी ने आदिल ज़ैनुलभाई को टैग करके पूछा कि क्या वह उन शो को पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि उन एंकरों ने न्यूज 18 को ‘नफरती चैनल’ में बदल दिया है।
एक अन्य हैंडल से साझा किया गया, “अगर अंबानी अब भी अमन चोपड़ा को बर्खास्त नहीं करते हैं, तो उन्हें हत्या और हिंसा में भागीदार माना जाना चाहिए।”
राहुल देव तो एक कदम और आगे बढ़ गए। उन्होंने दावा कर डाला कि अमन चोपड़ा हिटलरवादी ‘अंतिम समाधान’ की वकालत कर रहे हैं। इस तथ्य के बावजूद कि चोपड़ा ने पथराव की घटनाओं के खिलाफ ‘पर्मानेंट इलाज’ यानी ‘स्थायी उपचार’ की बात की थी।
राहुल देव ने जोर देकर कहा कि चोपड़ा ‘अंतिम समाधान’ की वकालत कर रहे थे, जैसा हिटलर ने यहूदियों के लिए चाहा था। उनके ट्वीट से संकेत मिलता है कि पथराव (यहाँ हिन्दुओं के जलयात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय द्वारा किया गया) के बारे में सवाल पूछना हिटलर द्वारा यहूदियों को निशाना बनाने के समान है।
हालाँकि, राहुल देव के ट्वीट का जवाब देते हुए अमन चोपड़ा ने लिखा कि उन्होंने आपराधिक पत्थरबाज़ों और दंगाइयों के लिए ‘स्थायी इलाज’ की माँग की थी। उन्होंने कहा कि एक समय हिटलर के ‘अंतिम समाधान’ का शिकार हुआ इज़राइल का यहूदी राज्य अब अपने दुश्मनों को उनके घरों से ही ढूंढता है।
उन्होंने पूछा कि आखिर राहुल देव को पथराव और दंगे की समस्या के स्थायी इलाज की माँग से दिक्कत क्यों है? अमन चोपड़ा ने ‘सेक्युलर लिबरल’ गैंग को जवाब देते हुए पूछा कि वे पत्थरबाजों के अपराधों पर लीपा-पोती क्यों करना चाहते हैं?
अमन चोपड़ा ने अपने शो में अपने ऊपर हुए घृणित हमलों का करारा जवाब दिया। इस पर बोलते हुए कि कैसे कुछ अनुभवी पत्रकार अब अपना प्रोपेगेंडा फ़ैलाने के लिए यूट्यूब पर चले गए हैं, उन्होंने पूछा कि जब एक समाचार एंकर ने पथराव और दंगों की निरंतर और व्यापक समस्या के समाधान की माँग की तो वे इतने भड़के हुए क्यों हैं।
अमन ने लेफ्ट-लिबरल गिरोह द्वारा कट्टरपंथी मुस्लिमों के अपराधों की लीपापोती करने और पथराव की समस्या को उजागर करने की कोशिश करने वाले पत्रकार को बदनाम करने पर लताड़ा। अमन चोपड़ा ने पूछा कि क्या यूट्यूब पत्रकार चाहते हैं कि भारत के युवा बेरोजगार रहें और पत्थरबाजी करते रहें।
अमन चोपड़ा ने जवाब में कहा, “जो पत्थर फेंका जाता है वह न तो हिंदू होता है और न ही मुसलमान। जब पत्थर फेंका जाता है तो यह किसी की भी जान ले लेता है या अपंग कर देता है, चाहे उनका धर्म-मजहब कोई भी हो। हालाँकि, कुछ एंकर ऐसे भी हैं जो पत्थर को एक विशेष धर्म से जोड़ना चाहते हैं।”
बताते चलें कि हरियाणा के मेवात शोभा यात्रा हमले पर ऑपइंडिया ने गहन रिपोर्टिंग की है और कई झूठों का भी पर्दाफाश कर सच्चाई को सामने लाने की कोशिश की। आप नूहं हिंसा की पूरी कवरेज यहाँ देख सकते हैं।