इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान में वैसे तो अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कोई नई बात नहीं है पाकिस्तान एक इस्लामी मुल्क है जहां मुस्लिम बहुसंख्यक है और हिंदू, ईसाई यह अल्पसंख्यक है और पाकिस्तान में वहां की बहुसंख्यक आबादी किसी न किसी बहाने से यह बिना बहाने के भी वहां के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करती है।
खखबर पाकिस्तान के फैसलाबाद से जहां कट्टरपंथी जिहादियों ने कुरान के अपमान के नाम पर आतंक मचाया और सर तन से जुदा के नारों के बीच चर्च को आज के हवाले कर दिया। Video 👇
शांतिप्रिय समुदाय "पाकिस्तान" मे चर्च के जलाते हुए....🔥बेहद ही "शांतिप्रिय" ढंग से "सर तन से जुदा" का नारा लगाते हुए। इन्हे RSS और बजरंग दल ने बिलकुल नही छेड़ा था, क्यूंकि दोनो पाकिस्तान में नहीं है।
क्या मजहबके नाम पर हिंसा फैलाना, अल्पसंख्यकों के घर जला देना, उनके पूजा स्थलों पर हमले करना और लोगों की जान ले लेना उचित है ? किसी देश, किसी धर्म में इसकी इजाजत नहीं है . लेकिन जब बात, पाकिस्तान की आती है तो बात अलग हो जाती है . शायद पाकिस्तान में धार्मिक नारे लगाते हुए दूसरे धर्म के लोगों को मार डालना, उनके पूजास्थल जलाना,सब जायज है. ये बात पूरे यकीन के साथ इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि पाकिस्तान ने कई बार खुद इसको साबित किया है . और अब यह बात, एक बार फिर साबित हो गई है .
पाकिस्तान जिस तरह से अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार करता है. इससे पाकिस्तान का अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा बेनकाब होता है. पाकिस्तान अल्पसंख्यकों का हक छीन रहा है. उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है. शोषण कर रहा है. वहीं दूसरी ओर, कट्टरपंथियों को अल्पसंख्यकों के घर जलाने, पूजा स्थल पर हमले करने, धार्मिक चिन्हों का अपमान करने का पूरा हक दिया जाता है. ये पाकिस्तान की सच्चाई है. हमारे पड़ोसी देश की सच्चाई है.