#शुभ_रात्रि
ॐ इन्द्रं वर्धन्तो अप्तुरः कृण्वन्तो विश्वमार्यम्। अपघ्नन्तो अराव्णः॥(ऋग्वेद ९.६३.५)
भावार्थ -
वेद समस्त संसार को आर्य श्रेष्ठ बनाने का उपदेश देता है। संसार को आर्य बनाने के लिए हमें क्या करना होगा, वेद ने उसका भी निर्देश कर दिया है।
दूसरों को आर्य बनाने से पूर्व अपनी आत्मा को अलंकृत करना होगा। हमें स्वयं आर्य बनना होगा, क्योंकि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपना सुधार कर लेता है, प्रत्येक व्यक्ति अपने-आपको आर्य बना लेता है तो सारा संसार स्वयंमेव आर्य बन जाएगा। संसार को आर्य बनाने के लिए हमें तत्परता से कार्य करना होगा। हमें कर्मशील, पुरुषार्थी और उद्योगी बनना होगा। केवल कहने से, जयघोष लगाने से और बातें बनाने से हम संसार को आर्य नहीं बना सकते। संसार को आर्य बनाने के लिए हमें ईर्ष्या, द्वेष, अदानशीलता आदि की भावनाओं को तथा शत्रुओं = नियम और व्यवस्था को भंग करने वालों को मार भगाना होगा।
. 🚩हर हर महादेव🚩