अगर 1 व्यक्ति भी स्वयं में बदलाव लाता है तो इस संदेश को सफल मान लिया जाना चाहिए...
हमारे स्थानीय हलवाई, मिष्ठान विक्रेता इस चॉकलेटी आक्रमण से बचे यही भावना है...
"बौद्धिक पतन"
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पेठा, बेसन के लड्डू, गाजर का हलवा, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, जलेबी, कलाकंद, खोपरा पाक, खीर, नानखटाई और 100 तरह के पेडे।
काजू कतरी, रसमलाई, सोहन हलवा, बूंदी, बरफी, 50 तरह के श्रीखंड, पूरण पोली, आम रस, दु धि हलवा, गोल पापड़ी, मोहन थाल, सक्कर पारा, तिलगुड़ के लड्डू.
मुम्बई आइस हलवा, चीकू बर्फी, चूरमा लड्डू, घेबर, घुघरा, हलवा खजूर पाक, मगज पाक, रेवडी.......जैसी हज़ारों शुद्ध मीठी चीजें जिस देश के लोग बनाना, खाना और खरीदना भी जानते हों,
उस देश में चॉकलेट देकर "कुछ मीठा हो जाये" कह के लाखो की चॉकलेट करोड़ों मे बेच के विदेशी कम्पनियों हमारा करोड़ों रुपया आसानी से लूट लेती है।
ये दर्शाता है कि.....हमारा कितना बौद्धिक पतन हो गया है।
🙏 #विचारणीय 🙏
चेक जरूर करें की आपका भी बौद्धिक पत्तन हूवा है या नहीं..!