कांग्रेस शासित राजस्थान जो बलात्कार के मामले में तो नंबर 1 है ही अब हिंदू साधु संतों भी सहन सुरक्षित नहीं। अपराधी बेखौफ हैं और बेधड़क होकर संतों की हत्या कर रहे हैं। अभी कुछ ही दिन पहले संत हरिराम दास जी की हाथ पांव बांधकर हत्या कर दी गई थी और अब महंत सियाराम दास को सिर पर नुकीली चीज से वार कर निर्मम हत्या कर दी गई।
राजस्थान को पवन धरा अब संत महात्माओं के खून से लाल हो रही है, लेकिन दूसरे राज्यों में विशेष समुदाय के लिए आंसू बहाने वाली कांग्रेस को संतों को हत्या से कोई अंतर नहीं पड़ता।
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जिले के मालपुरा स्थित डिग्गी में महंत सियाराम दास बाबा भूरिया महादेव मंदिर के महंत थे। बताया जा रहा है कि देर रात अज्ञात बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए। जब बुधवार की सुबह लोग पूजा-पाठ करने के लिए मंदिर पहुँचे तो उन्होंने बाबा को अचेतावस्था में देखा पाया। नजदीक जाकर देखने पर उनके आसपास खून बिखरा हुआ था।
हालात को देखते हुए लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँच गए। उन्होंने शव को कब्जे में ले लिया और मामला दर्ज करके जाँच शुरू कर दी है। एफएसएल और MIU की टीम सबूत इकट्ठा कर रही है। अपराधियों की पहचान के लिए इलाके के आसपास के सीसीटीवी को भी चेक किया जा रहा है। आसपास के लोगों से भी इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है कि।
बताया जा रहा है कि जिस वक्त अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया, उस वक्त महंत सियाराम दास मंदिर में अकेले थे। सियाराम करौली जिले के नादौती के रहने वाले थे। वो लगभग 50 सालों से मंदिर में अकेले रह रहे थे। वे अपना खाना खुद ही बनाते थे और वहीं आश्रम में रहकर पूजा पाठ करते थे। वो लगभग 93 साल के थे। उनकी हत्या से संत समाज में नाराजगी है। वहीं, कस्बावासियों ने विरोध में बाजार को बंद कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक, बाबा के सिर में किसी भारी नुकीली चीज से वार किया गया है। इसके कारण उनके सिर से काफी खून बह गया। बाबा का शव आश्रम के बरामदे में पड़ा मिला था। पुलिस ने आश्रम का करीब 500 मीटर का एरिया सील कर दिया है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वारदात किस वक्त हुई और इसे अंजाम देने वाले कौन थे? फिलहाल पुलिस को कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
इस घटना को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “बहुत दु:खद है कि टोंक क्षेत्र के महंत संत सियाराम दास बाबा जी की निर्मम हत्या कर दी गई। राजस्थान में साधु-संत अपराधियों के निशाने पर क्यों हैं? देश में कहीं और ऐसा नहीं देखा गया।”
उन्होंने आगे कहा, “संत समाज की अवहेलना गहलोत सरकार की तुष्टिकरण नीति का हिस्सा है। अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए कॉन्ग्रेस साधु-संतों को प्रताड़ित करने वाले असामाजिक तत्वों को प्रोत्साहित करती है। यह ऐसा पाप है जिसका दंड अवश्वसंभावी है, शीघ्र ही जिसे सनातन धर्म को आघात पहुँचा रहे अधर्मियों को भुगतना होगा।”
बताते चलें कि कुछ दिन पहले नवगठित डीडवाना कुचामन जिले में एक संत की हत्या कर दी गई थी। कुचामन थाना इलाके में स्थित रसाल गाँव में हरिराम बाबा की बगीची के संत मोहनदास की निर्दयतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया गया था।शव के हाथ-पाँव बँधे हुए थे और उनकी आँखों पर भी पट्टी बंधी हुई थी। इस घटना के कारण इलाके में तनाव फैल गया था।