यह है फेमिनिज़्म की हकीकत.... ऐसी संवेदनशीलता आ चुकी है समाज में को मानवता को परिभाषा ही बदल चुकी है। समाज मॉडर्न ही नहीं पूरी तरह संवेदनहीन भी हो रहा है। इस वीडियो में इन महिला कांसलर को सुनिए और आने वाले भविष्य का विचार करके देखिए
मरते हुए कैंसरग्रस्त बेरोजगार पति से नकद मुआवजे की मांग .... पति का मकान.... पत्नी द्वारा अपने नाम कराने की कोर्ट में डिमांड ! बच्चे से भी पिता को मिलने पर प्रतिबंध लगा दिया है इस कथित फेमिनिस्ट लालची मां ने !....
जबकि तलाक मांग रही पत्नी... स्वयं नौकरी करके पैसा कमा रही है .... ! पत्नी द्वारा तलाक मांगने का कारण ... पति का कैंसर है !!
महिला काउंसलर (मध्यस्थ) इस प्रकरण को सनातन धर्म के परिवार व्यवस्था पर भारी चोट के रूप में इंगित कर रही हैं.... क्या मानवता संस्कार अपनापन धर्म रिश्ते भावनाएं सब मर चुके हैं जबकि पशुओं में भी प्यार व भावनाएं जिंदा है क्या इंसान स्वार्थ व लालच में अंधा होकर जानवर से भी बदतर हो गया है