स्वतंत्रता केवल मानव के लिए नहीं अपने आसपास के पेड़ पौधों, पशु-पक्षीयों को भी स्वतंत्र जीने का अधिकार दो
"जियों और जीने दो, पृथ्वी पर सबको रहने दो"
मैं जाऊं तो जाऊं कहाँ ?
खेत मे जाने पर लोग लाठियों से पीटते है । घरों से तो बहुत पहले ही मुझें निकाल दिया गया था । हज़ारों सालों से मैने किसान और इंसान का साथ दिया , पालतू बनकर रहा । मेरी जाति का दूध दही पनीर घी माखन छाछ आज भी मानव जाति प्रयोग करती है ।
मेरी चमड़ी , मेरी हड्डी, मेरा मूत्र, मेरा गोबर हर चीज़ मेरा कतरा कतरा मानव जाति को समर्पित रहा है । मैं ही मानव जाति का ट्रैक्टर व कार जीप बनकर उनको 21वी सदी तक लाया हूँ, लेकिन अफसोस आजकल अधिकतर लोग मेरी जगह कुत्ता पालते है व मैं कुत्ते की जगह गली गली मारा मारा फिरता हूँ व कुछ लोग मुझसे नफरत करते है मुझे मारकर भी खा जाते है ।
यही मेरी व्यथा है जिसे कोई नही सुनता है ।
बैल व गौमाता की आप बीती
✍️🙏