सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के विरुद्ध एक आवाज तो है ही, साथ ही देश के सभी नेताओं के लिए एक ललकार भी हैं, और केवल नेताओं को नहीं ये वीडियो कानून, पुलिस प्रशासन, न्याय प्रणाली को भी ललकार रहा है।
अपराधियों को रोकने के लिए कठोर कानून का होना अनिवार्य है लेकिन दुर्भाग्य कि हमारे देश भारत में इतना बड़ा संविधान और इतनी कानून की किताबें होने के बावजूद अपराधी बेखौफ हैं और लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं।
वास्तव में यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है कि इतने सारे नेता जो बलात्कार के मामलों में अपने आपको चिंतित दिखाते हैं अपने आप को दुखी बताते हैं लेकिन यह लोग बलात्कारियों के लिए फांसी का कानून लागू नहीं करवा पाते यानी कहीं ना कहीं यह इन नेताओं का और हमारे इस सिस्टम का दोगलापन है।
यह नेता सबके सामने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर दुख जताते हैं लेकिन वही इनके मन में कोई ना कोई खोट जरूर है इसीलिए यह एकजुट होकर बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान नहीं करा रहे।
यह हमारे देश के कानून हमारे देश की न्याय व्यवस्था के लिए शर्मनाक है कि अपराधियों को इस कानून और न्याय प्रणाली से कोई भय नहीं है और अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण, सोशल एक्टिविस्ट ये सब भी केवल नौटंकी करते हैं, कैंडल मार्च निकालते हैं लेकिन ये भी ब्लातकारियो के लिए फांसी की मांग पूरी ताकत से नहीं रखते।
सब साले दोगले हैं.....