नूंह में संयोजित आतंकी हमले के बाद जब हिंदुओं ने उसे अधूरी यात्रा को पूरा करना चाहा तो प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी अपितु जब हिंदुओं ने 28 अगस्त को यात्रा पूरी कर जलाभिषेक का ऐलान किया तो धारा 144 लगा दी गई और अब केवल 51 लोगों को पोलिस द्वारा जलाभिषेक करने ले जाया गया, बाकी हिंदुओं को बाहर ही रोक दिया गया, और ये सब सुरक्षा कारणों से हुवा। लेकिन जिन लोगों के कारण सुरक्षा भंग होती है, शांति भंग होती है, को दंगे फसाद का कारण है वो जीत गए, उन्होंने हिंदुओं की हत्याएं भी कर ली और हिंदुओं के साथ साथ प्रशासन को भी भयाक्रांत कर दिया
ये कानून व्यवस्था नहीं ये भीड़ तंत्र है ,ये सुनियोजित आतंक है जिसके सामने हमारा कानून लाचार है, नतमस्तक है, हरियाणा की खट्टर सरकार जेहादियों के सामने घुटनों पर है , कानून व्यवस्था बनाने में खट्टर सरकार पूरी तरफ फ्लॉप है, अब खट्टर साहब को इस्तीफा देकर घर बैठना चाहिए या सन्यास लेकर कहीं साधना करने निकल जान चाहिए..
‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी रिपोर्ट में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि उन्हें हिंसा की तैयारी से जुड़ा इनपुट मिला है। हिंसा की प्लानिंग नल्हड़ मंदिर के आसपास की गई है। ऐसे में प्रशासन ने शाम 4 बजे तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी है। हालाँकि, स्थानीय लोगों को उनके पहचान पत्र के आधार पर मंदिर में जाने की इजाजत दी गई।
वहीं, अयोध्या से आए संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज को पुलिस ने गुरुग्राम के सोहना टोल पर रोका है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है, “मैं अयोध्या से श्रीराम जन्मभूमि की मिट्टी और सरयू का जल व सभी तीर्थों का जल लेकर आया हूँ। पूर्व में ‘बजरंग दल’ और विहिप के कार्यकर्ताओं को मारा गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए घटना स्थल पर मुझे श्रद्धांजलि देना था। इसके बाद सरयू जल से जलाभिषेक करने के बाद वापस जाना था।”
उन्होंने आगे कहा है, “मेरे साथ बहुत सारे वाहन और लोग थे। धारा 144 लागू होने की जानकारी मिलने के बाद मैंने सभी को वापस भेज दिया। अब 2-3 लोग ही हमारे साथ हैं। प्रशासन ने हमें रोक लिया। हम यहीं से श्रद्धांजलि देकर वापस जाना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने हमें वापस भी नहीं जाने दिया। इसलिए मैं आमरण अनशन पर बैठा हूँ। जब तक जलाभिषेक और श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं मिलती तब तक मैं यहाँ बैठा रहूँगा। यदि अपमान पूर्वक हमें उठाकर कहीं फेंका जाएगा तो जहाँ रहेंगे वहीं आमरण अनशन करेंगे।”
पुलिस पर हमले का दावा करते हुए संत परमहंस आचार्य महाराज ने आगे कहा है, “अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस पर यहाँ दो बार हमला हो चुका है। इसमें 5-6 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस पर फायरिंग कर अपराधियों को छुड़ा ले गए। क्या यहाँ की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है। हरियाणा सरकार फेल हो गई है। सनातनियों को इस तरह रोका जा रहा है। किसी और धर्म के लोगों को तो कभी नहीं रोका गया। केवल हिंदुओं को ही क्यों रोका जा रहा है? हमारा कहना है कि शांति से कुछ लोगों को तो जाने ही दिया जाए।”