-बप्पा रावल की तकरीबन 100 पत्नियाँ थीं, जिनमें से 35 मुस्लिम शासकों की बेटियाँ थीं, जिन्हें इन शासकों ने बप्पा रावल के भय से उन्हें ब्याह दीं। बप्पा रावल ने वर्तमान भारत के हिसाब से देखा जाये तो करीब 18 अन्तराष्ट्रीय विवाह किए थे।
-बप्पा रावल ने अरब की हमलावर सेनाओं को कई बार ऐसी करारी हार दी कि अगले 400 वर्षों तक किसी भी “मुस्लिम शासक” की हिम्मत भारत की ओर आंख उठाकर देखने की नहीं हुई। बहुत समय बाद में “महमूद गजनवी” ने भारत पर आक्रमण करने की हिम्मत की थी और कई बार हिन्दू राजाओं द्वारा पराजित भी हुआ था।
-753 ई. में बप्पा रावल ने 39 वर्ष की आयु में सन्यास लिया। इनका समाधि स्थान एकलिंगपुरी से उत्तर में एक मील दूर स्थित है। इस तरह इन्होंने कुल 19 वर्षों तक शासन किया।
-“बप्पा रावल” के चितौड़ घराना का सिसोदिया वंश शूरवीर की भूमि थी। राणा कुम्भा, महाराणा संग्राम सिंह (राणा सांगा), उदय सिंह और “महाराणा प्रताप” जैसे श्रेष्ठ और वीर शासक उनके ही वंश में उत्पन्न हुए थे।
-महाराणा प्रताप ने 1582 में मुगलों के छक्के छुड़ा दिए, और मेवाड़ हमेशा एक स्वतंत्र राज्य रहा, राजपूतों ने मुगलों के दरबार में घुसकर उनकी हत्याएँ की हैं।
-छत्रपति शिवाजी ने 1675 में हिंदवी स्वराज की स्थापना की थी। औरंगजेब मराठों से लड़कर टूट गया और 1707 में उसकी मौत हो गई, उसके बाद हिन्दू राजाओं के लिए दिल्ली को घुसकर तहस नहस कर लेना शाम की सैर थी। उन्होंने अकबर की कब्र उजाड़ कर उसकी हड्डियाँ तक जला दी थी।
-बाबर ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, उसने जब भी दिल्ली से आगरा की यात्रा की हमेशा उस पर हमले हुए और वो 1530 में मर गया।
हिंदू शेर है बस जागने की देर है