अनेकों स्कूलों से लगातार हिंदू घणा की खबरें सामने आ रही है कहीं बच्चों के कलावे काटे जा रहे हैं तो कहीं तिलक मिटाया जा रहा है और कहीं तो बिंदी लगाने पर इस प्रकार प्रताड़ित किया जाता है की छात्रा आत्महत्या कर लेती है।
अब मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के हमीरगढ़ कस्बे की सरकारी बालिका विद्यालय से सामने आया, जहां छात्रों से कलावे कटवाने और तिलक लगाने पर आपत्ति करने की बात कही जा रही है
देशभर के अनेकों स्कूलों से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं लेकिन हर मामलों में स्कूल प्रशासन ऐसी घटनाओं से इंकार करता है परंतु सच तो यह है कि ऐसी घटनाओं को लेकर कोई भी छात्र या अभिभावक झूठ नहीं बोलेंगे, क्योंकि यहां बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है।
हमीरगढ़ कस्बे में रहने वाले आर एस एस के उपखंड कार्यवाहक अशोक प्रजापत जी ने बताया कि हमीरगढ़ कस्बे की सरकारी बालिका विद्यालय में पढ़ रही छात्राओं के सावन महीने में तिलक लगाकर स्कूल जाने और हाथ में कलावा पहनने पर शिक्षिकाओं ने आपत्ति जताते हुए कलावा कटवा दिया। इस बात की जानकारी छात्रों ने जब अपने परिजनों व अन्य लोगों को दी तब इस मामले का खुलासा हुआ। छात्राओं के अनुसार कलावे कटवा कर 10 दिन में फिंकवा दिए गए।
इस मामले के विरोध में गांव के लोगों ने बालिका विद्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया तथा प्रधानाध्यापक के खिलाफ नारे लगाए और मुख्य प्रवेश द्वार को भी बंद करा दिया। बाद में साध्वी देवगिरी, अशोक प्रजापत ,कृष्णकांत छिपा, किशन कीर, दिनेश आदि ने स्कूल से उपखंड कार्यालय पहुंचकर घटना के संबंध में ज्ञापन दिया और मामले की जांच की मांग की।
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इस प्रकार की घटनाओं पर अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए और सतर्कता पूर्वक इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि उनके बच्चे जिन स्कूलों में पढ़ रहे हैं वहां उन्हें क्या सिखाया जा रहा है और कहीं वहां हिंदू घृणा तो नहीं परोसी जा रही। हिंदुओं को कॉन्वेंट स्कूलों का तो पूरी तरह बहिष्कार कर ही देना चाहिए क्योंकि कॉन्वेंट स्कूलों का तो मुख्य उद्देश्य ही ईसाइयत परोसना है।