गजब ! बिलकुल गजब हो रहा है भारत में, यहां पीड़ित हिंदू हों और अपराधी मुस्लिम तो मामला सांप्रदायिक होता ही नहीं, वहीं यदि एक मुस्लिम अपराधी को भी कोई हिंदू 1 तमाचा मार दे तो तुरंत मामला सांप्रदायिक हो जाएगा और मुस्लिम बेचारे डर हुए हो जाएंगे, पीड़ित हो जाएंगे.. udipi कर्णाटक जहां अभी अभी हिंदुओं ने कांग्रेस को हिंदुओं ने अपने माथे पर बिठाया है वहां हिंदू छात्राओं के बाथरूम वीडियो मुस्लिम लड़कियों द्वारा बनाकर फैलाने की खबरें आई.. जिसके बाद काफी खेल हुए हैं
ये एक बड़ी और शर्मनाक घटना है लेकिन बेशर्मी ऐसी है की मणिपुर की घटना पर छाती पीटने वाले लोगों को कर्नाटक की हुई घटना पर ना शर्म आ रही ना वेदना हो रही, ना हार्ट ब्रोक हो रहा और ना ही मीडिया को इसमें कोई खास रुचि है, क्योंकि यहां पीड़ित हिंदू हैं और अपराधी मुस्लिम। अब पीड़ा और शर्म तो छोड़िए लेकिन यहां तो इस इतने शर्मनाक मामले को शरारत करार देने का प्रयास किया जा रहा है, और जो इस मामले को उठाने का प्रयास कर रहा है उसे ही अपराधी या सांप्रदायिक बताकर प्रताड़ित किए जाने की खबरें आ रही हैं
खैर मुस्लिम परस्त लोग तो मुस्लिम अपराधियों के बचाव की हर संभव कोशिश करेंगे लेकिन दुखद ये हैं की भाजपा और उनका सड़ा हुवा IT सेल भी इस मामले की सच्चाई को उठाने में पूरी तरह फ्लॉप है। भाजपा का IT सेल इतना सुस्त है की वो ना तो भाजपा की उपलब्धियां हो गिना पाता है और ना ही गलत लोगों की गलतियां हो दिखा पाता है।
वैसे अब कर्नाटक के उडुपी पुलिस ने नेत्र ज्योति कॉलेज के हॉस्टल में हिंदू छात्राओं का अश्लील वीडियो बनाने वाली मुस्लिम छात्राओं के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की है। एक मामला टॉयलेट में छात्रा के बनाए गए वीडियो को डिलीट करने को लेकर तीन छात्राओं और कॉलेज प्रशासन से जुड़ा है। दूसरा मामला यूट्यूब चैनलों पर हिडन कैमरे वाला वीडियो अपलोड करने से जुड़ा है
बताते चलें कि कर्नाटक के उडुपी में स्थित प्राइवेट कॉलेज नेत्र ज्योति की महिला हॉस्टल के टॉयलेट में मोबाइल कैमरा मिलने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ था। कॉलेज में पढ़ने अलीमातुल शैफा, शबानाज़ और आलिया नाम की तीन मुस्लिम छात्राओं ने टॉयलेट में मोबाइल कैमरा लगा रखा था। इसमें हिंदू लड़कियों के प्राइवेट वीडियो रिकॉर्ड कर वे मुस्लिम लड़कों को भेजा करती थीं।
आरोप लगे कि उडुपी के नेत्रज्योति कॉलेज के महिला शौचालय में हिंदू लड़कियों के टॉपलेस वीडियो रिकॉर्ड किए गए और बाद में मुस्लिम समूहों के साथ साझा किए गए। कॉलेज प्रबंधन ने मामले की जाँच की और निष्कर्ष निकाला कि वीडियो डिलीट कर दिया गया था। इसके बाद मामला खत्म हो गया। हालाँकि, लोगों के आक्रोश के कारण उडुपी जिले के मालपे पुलिस स्टेशन में मामले का स्वत: संज्ञान लिया FIR दर्ज की।
वीडियो बनाने के लिए ज़िम्मेदार अलीमतुल शैफ़ा, शबानाज़ और आलिया नाम के तीन मुस्लिम छात्रों के साथ-साथ नेत्रज्योति कॉलेज के प्रबंधन बोर्ड पर सबूत नष्ट करने का आरोप है। पुलिस ने IPC की धारा 509, 204, 175 और 34 के तहत मामले दर्ज किए हैं। मामला दर्ज करने का निर्णय राज्य भर में भाजपा नेताओं, विभिन्न हिंदू संगठनों और महिलाओं के विरोध के बीच आया।
यानी आप समझ लीजिए कि इतने विभत्स कांड पर भी पुलिस खुद कोई कार्यवाही तब तक नहीं करती जब तक उनपार दबाव नहीं बनाया जाय...वह रे मेरे भारत के कानून
आपको बता दें इस मामले को उठाने वाली रश्मि सामंत को जुबैर ने घेरा इनपर पुलिस को कार्यवाही के लिए कहा, और रश्मि जी को जुबैर जैसे व्यक्ति के कारण पुलिस कार्यवाही का भी सामना करना पड़ा, और रश्मि जी से पूछताछ करने वाली पुलिस का कहना है की इस मामले में कोई संप्रदाय एंगल नहीं।
सांप्रदायिक एंगल नहीं भले ही अपराधी मुस्लिम लड़कियां हैं जिन्होंने हिंदू लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर अपने ही समुदाय के लोगों को दिए....😵💫
अपराधी और पीड़िता के अलग-अलग समुदाय होने की बात स्पष्ट रूप से कही जा रही है। इसके बावजूद वामपंथी प्रोपगेंडा पोर्टल ऑल्ट न्यूज़ (AltNews) और उसके सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने रश्मि और अन्य लोगों पर गलत सूचना फैलाने और घटना को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है।
हिंदुओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर पर्दा डालने के लिए कुख्यात मोहम्मद जुबैर ने इस जघन्य घटना के खिलाफ आवाज उठाने वालीं शेफाली वैद्य और रश्मि सामंत सहित तमाम महिला दक्षिणपंथियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक क्रूर हमला किया। जब उस पर सवाल उठे तो जुबैर ने विक्टिम कार्ड खेला और कहा कि जब वह फर्जी खबरें उजागर करता है तो लोग उसे टारगेट करते हैं
हिंदुओं का बहुत सावधान रहने की जरूरत है, जहां भी ये जेहादी मानसिकता हो वहां पूरी तरह सतर्क रहें।