मामला UP के बरेली का है जहां एक सप्ताह पहले मुसलमानों द्वारा कांवड़ियों पर पत्थरबाजी हुई थी और इस बार पुलिस द्वारा लाठीबाजी। दोनों बार पिटे बेचारे कांवड़िए ही, क्योंकि हिंदू जो ठहरे..
क्या कभी हिंदुओं ने इनके मजहबी त्यौंहारों में विध्न उत्पन्न किए हैं? क्या हिंदुओं ने इनकी किसी यात्रा या जुलुश कर पत्थर फेंके? नहीं कभी नही, लेकिन मुसलमानों ने हिंदुओं को यात्राओं, हिंदुओं के त्यौंहारों पर खूब उत्पात मचाया हुवा है जो पूरी दुनिया ने देखा है, फिर भी हिंदुओं को भाईचारे का पाठ पढ़ाया जाते है और इन लोगों को शांतिप्रिय बताते हुए क्लीन चिट दे देते हैं।
दुर्भाग्य कि बात तो ये भी हैं को जिस पुलिस का हिंदू पूरा सम्मान करते हैं वो भी हिंदुओं पर हो लाठी चार्ज करते हैं, और इन मजहबी उपद्रवियों पर कार्यवाही करने में इनकी जान सूख जाति हैं क्योंकि कई मौकों पर इनसे पिटाई खा चुके हैं। अभी हाल ही में दिल्ली में मुहर्रम के मौके पर पुलिस की जमकर पिटाई की गई है मुसलमानों द्वारा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा इलाके का है। यहाँ गुंसाई गौटिया नाम के इलाके से पिछले सप्ताह निकली काँवड़ यात्रा पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पत्थरबाजी की गई थी। मची अफरातफरी के बीच पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। सोमवार (31 जुलाई) से इसी रास्ते से फिर काँवड़ यात्री जल चढ़ाने के लिए जाने वाले थे। इस बीच मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने रविवार को काँवड़ मार्ग पर धरना दे दिया। मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो वो मौके पर पहुँची। धरना दे रहीं महिलाओं को समझाने की काफी कोशिश की गई पर वो नहीं हटीं।
इस धरना-प्रदर्शन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में हिजाब पहने महिलाओं के एक समूह को सड़क पर बैठ कर नारेबाजी करते देखा जा सकता है। महिलाओं के पीछे कुछ नाबालिग बच्चे और पुरुष खड़े दिखाई दे रहे हैं। वहीं मौके पर रैपिड एक्शन फ़ोर्स की भी तैनाती देखी जा सकती है। धरना दे रहीं महिलाओं का एलान था कि वो उस मार्ग से काँवड़ यात्रा नहीं निकलने देंगीं।
बताया जा रहा है कि काँवड़ यात्री भी इस बात को ले कर अड़े थे कि वो यात्रा के मार्ग में बदलाव नहीं करेंगे। थोड़ी समय बाद पुलिस ने काँवड़ियों पर लाठीचार्ज किया। इस से भीड़ तितर-बितर हो गई। आखिरकार काँवड़ यात्रा भी इस बार उस मार्ग से नहीं निकल पाई, जहाँ धरना दिया गया था। काँवड़ियों पर लाठीचार्ज के बाद मुस्लिम महिलाओं ने अपना धरना खत्म कर लिया। इस पूरे विवाद की जड़ में शाननूरी मस्जिद बताई जा रही है। पिछली बार 23 जुलाई 2023 को काँवड़ यात्रा पर हुई पत्थरबाजी में भी इसी मस्जिद का नाम सामने आया था। तब पुलिस ने समाजवादी पार्टी के नेता उस्मान अल्वी को गिरफ्तार किया था।
लाठीचार्ज के बाद हटाए गए SSP, इंस्पेक्टर सस्पेंड
बताते चलें कि पुलिस द्वारा काँवड़ यात्रियों पर हुए लाठीचार्ज का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में भाग रहे काँवड़ यात्रियों को पुलिस दौड़ा कर पीटती दिखाई दे रही थी। मामला संज्ञान में आने के बाद बरेली पुलिस के SSP प्रभाकर चौधरी को हटा कर लखनऊ PAC भेज दिया गया है। वहीं लाठीचार्ज में शामिल SHO इंस्पेक्टर अभिषेक सिंह और सब इंस्पेक्टर अमित कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। फिलहाल जिले में नए SSP IPS धुले सतीश चंद्रभान की तैनाती की गई है।
ऑपइंडिया से बात करते बरेली के हिन्दू संगठन से जुड़े पदाधिकारी हिमांशु पटेल ने बताया कि 23 जुलाई को हुई पत्थरबाजी में पुलिस ने सिर्फ 2 लोगों को पकड़ कर खानापूर्ति की थी, इसलिए उपदव्रियों के हौसले इतने बुलंद हुए। उन्होंने काँवड़ियों को आतंकी बोलने वाली बरेली पुलिस DSP दीपशिखा पर भी कार्रवाई न होने पर आश्चर्य जताया। हिमांशु ने हमें बताया कि जिस दिन काँवड़ यात्रियों पर पुलिस ने लाठियाँ बरसाईं थीं, उस दिन 3 हजार मुस्लिम भी धारा 144 का उल्लंघन कर के सड़कों पर जमा थे। लेकिन पुलिस की कार्रवाई एकतरफा हिन्दुओं पर ही हुई थी। हिमांशु पटेल ने सड़क कब्ज़ाने वाली मुस्लिम महिलाओं पर कार्रवाई की माँग की है।