जरा ध्यान से समझो देशवासियों आखिर कौन है जो दंगाइयों आतंकियों और अन्य अपराधियों का समर्थन केवल इसलिए करते हैं क्योंकि वह उनके समुदाय के होते हैं। अगर अपराधी हिंदू होता है तो हिंदू समुदाय उसका विरोध करता है उसका बचाव नहीं लेकिन यदि अपराधी यहां तक कि आतंकवादी भी मुस्लिम होता है तो भी उसका बचाव करने कुछ विशेष समुदाय के लोग उतर ही जाते हैं।
खैर प्रशासन इन पर कार्यवाही कर रहा है और संगठनों ने प्रशासन पर दबाव बना हुआ है इन पर कठोर कार्यवाही का यह एक महत्वपूर्ण और अच्छी बात है। अब भाईचारे के नाम पर हमारी आस्था पर आघात कतई सहन नहीं किया जाएगा। लेकिन एक बात मध्यप्रदेश के लोग और पूरे देश के लोग ध्यान रखें कि यही यदि कांग्रेस सरकार होती तो शायद इन अपराधियों को सजा नहीं मिलती और वह भी इसे थूक नहीं बल्कि पानी और बच्चों की गलती बोलकर रफा-दफा कर देते। इसलिए हिंदुओं को समझदारी दिखानी होगी और सोहित के लिए नहीं धर्म और राष्ट्र हित के लिए चुनाव में भाग भी लेना है और सही वोट देना है
देखिए कैसे मुस्लिम समुदाय के लोग इन महाकाल की सवारी पर थूकने वाले युवकों को जस्टिफाई करने का प्रयास कर रहे हैं यहां तक कुछ लोग तो पुलिस प्रशासन और हिंदुओं को अप्रत्यक्ष रूप से धमकी भी दे रहे हैं
Mohammad Sher Ali कहना चाहते हैं की थोड़ा सा पानी ही तो गिरा है जबकि प्रतक्षदर्शियो ने साफ साफ देखा को जानबूचकर मुस्लिम लड़के बार बार भक्तों पर थूक रहे थे...लेकिन अपराधी मुस्लिम हैं तो मुसलमानों का बचाव तो करना ही है, भाड़ में जाए हिंदू और उनकी आस्था..
और यहां shahnawaz Khan जो गौमूत्र को लेकर अभद्र टिप्पणी कर रहा है क्योंकि थूंकने वाले अपराधी मुसलमान हैं और उनका बचाव करना है, हिंदू मुस्लिम भाईचारा जाए भाड़ में...
इस प्रकार के प्रकरण देख कर भी जो हिंदू भाईचारे के गाने गाते हैं जो हिंदू सेकुलरिज्म के तराने छोड़ते हैं वह थोड़ा सा गंभीरता से विचार जरूर करें कि आखिर वह कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं। जो लोग आतंकियों दंगाइयों और मुस्लिम अपराधियों का केवल इसलिए समर्थन करते हैं क्योंकि वह उनके समुदाय के हैं और हिंदू, हिंदू देवी देवताओं और हिंदू आस्था का कोई ख्याल नहीं रखते उनसे भाईचारा की उम्मीद रखना क्या उचित है?