भाईचारा और सेक्युलरिज्म की जबरदस्त मिसाल बार बार मुसलमानों द्वारा पूरे देश में पेश की जाती है लेकिन हिंदू हैं की समझते ही नहीं , वो अपनी और अपने मंदिरों की सुरक्षा के लिए जरा भी सजग नहीं हैं।
अब हाल ही की देश के 2 अलग अलग राज्यों UP और बिहार में मंदिर और कांवड़ यात्रा पर मुश्लिमो द्वारा हमले किए गए। दरबंगा में दुर्गा मंदिर कर पत्थरबाजी हुई तो बरेली में कांवड़ियों पर। और हिंदू पत्थर खाकर कोने में बैठ सिसक रहे हैं...और कर भी क्या सकते हैं बेचारे निहत्ते लोग।
1 - दरबांगा ,बिहार : मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहाँ रविवार को मोहर्रम का झंडा लगाने के चलते 2 गुटों में विवाद हो गया है। इस दौरान पत्थरबाजी की भी खबर है। झगड़ा तब शुरू हुआ जब मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मंदिर के सामने मोहर्रम का झंडा लगा रहे थे। मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं ने इसका विरोध किया। कुछ देर की बहस के बाद दोनों तरफ से लोग जमा होने लगे। आरोप है कि इस बीच विवाद बढ़ता चला गया और पत्थरबाजी शुरू हो गई। दोनों तरफ से 2 अलग-अलग गुट बँट गए। अब इन्हें अपना मोहर्रम मानना है और जबरन मंदिर के सामने झंडा लगाना है जबकि इनकी मस्जिद के सामने से कोई रथयात्रा निकलेगी तो पत्थर बरसाएंगे..
2 - बरेली, उत्तर प्रदेश : यहाँ रविवार को काँवड़ ले जा रहे शिव भक्तों पर पत्थरबाजी की गई है। घटना बारादरी थाना क्षेत्र की बताई जा रही है जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में एक गली से कुछ लोग पत्थर बरसाते दिखाई दे रहे हैं। ‘हिन्दू जागरण मंच’ के मुताबिक, घटना बालखंडी नाथ मंदिर के पास की है। यहाँ एक मस्जिद भी बताते हुए वहीं से पत्थरबाजी का आरोप लगाया गया है।
इस घटना से नाराज कावंड़ियों में प्रदर्शन कर के पत्थरबाजों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। बरेली पुलिस के मुताबिक, मौके पर फ़ोर्स मौजूद है और शांति व्यवस्था कायम है। बताते चलें कि बरेली जिले में ही तैनात DSP दीपशिखा पर 3 दिन पहले काँवड़ियों की हरकत आतंकी जैसा बताने का आरोप लगा था। तब हिन्दू संगठनों ने धरना दे कर उन पर कार्रवाई की माँग की थी।
👆सोचिए की कहीं इस DSP के बिगड़े बोल से ही तो हिम्मत नहीं मिली मुसलमानों को कांवड़ियों पर पत्थरबाजी करने की, और आखिर ऐसी DSP को लात मारकर बाहर क्यों नहीं किया जाना चाहिए जो करोड़ों कावड़ियों की तुलना आतंकियों से कर रही है, क्या ये हिंदू आस्था का अपमान नहीं? और ये इतने धूर्त लोग हैं जिन्हें आतंकियों का तो मजहब नहीं दिखाई देता लेकिन कांवड़ियों मैं आतंकी दिखाई दे गए।
कांवड़ियों को चाहिए की वो कांवड़ के साथ साथ अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी स्वयं उठाए और भोले नाथ के सच्चे भक्त होने का परिचय दें, भोले के भक्त इतने कमजोर कैसे हो सकते हैं जो मलेच्छों से पिटकर चिल्लाते फिरें?