ऐसा ही एक लव जिहाद का मामला अलवर राजस्थान से जहां पहचान छुपाकर जिहादी भेड़िए ने हिंदू लड़की की अस्मिता लूटी और पैसे भी लूट लिए...पैसे तो वापस आ जायेंगे लेकिन अस्मिता?
मामला अलवर के गाँव ककराली का है। दिल्ली की रहने वाली एक 24 साल की लड़की ने यहाँ के रहने वाले जुनैद के खिलाफ सदर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में लड़की ने बताया कि वह दिल्ली में ब्यूटी पॉर्लर का काम करती है। फ़रवरी 2022 में अलवर में हुई एक शादी समारोह में वह पहली बार जुनैद से मिली थी। यहाँ जुनैद ने अपना परिचय रोहित के नाम से दिया। आरोप है कि इसी नाम से जुनैद ने अपनी इंस्टाग्राम ID भी बना रखी थी।
हिंदू लड़कियां कितनी भोली ( भोली तो बस ऐसे ही लिख दिया वास्तव में यह मूर्ख होती हैं) कि इन्हें कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपना शिकार बना लेता है, इनसे रुपए पैसे ऐंठ लेता है और इतना ही नहीं अपनी हवस की प्यास भी इनसे मिटा लेता है।
शिकायत में बताया गया है कि जुनैद ने रोहित नाम की इंस्टा ID से लम्बे समय तक पीड़िता से बात की। कुछ समय बाद दोनों में दोस्ती हो गई। इस बीच जुनैद ने खुद को बेहद गरीब बताते हुए लड़की से पैसों को माँग की। बदले में पीड़िता ने रोहित बने जुनैद को थोड़े-थोड़े मिला कर कुल 8 लाख रुपए दे दिए। 11 अप्रैल 2022 को जब पीड़िता अपने एक काम के सिलसिले में अलवर गई तो उसे होटल में जुनैद मिला। यहाँ उसने नशीला पदार्थ देकर पीड़िता से रेप किया और अश्लील फोटो व वीडियो ले लिए।
क्या ऐसी घटना के बाद इनके माता-पिता की परवरिश पर सवाल उठाना गलत है जिन्होंने अपनी बच्चियों को धर्म ज्ञान नहीं दिया संस्कार नहीं दिए और चले थे मॉडल बनाने पढ़ा-लिखा घर अवसर बनाने। अरे पहले मानव तो बना लो पहले उन्हें अपने धर्म से परिचित करवा दो उन्हें संस्कार दो ताकि किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ इतनी आजाद ना हो जाए कि लोग उनका फायदा उठा ले।
आजादी के नाम पर जो नंगा नाच हो रहा है और जो हिंदू बच्चियां बर्बाद हो रही है इसका कारण कौन है?
नारी सशक्तिकरण के नाम पर नारी को केवल भोग की वस्तु के रूप में बॉलीवुड प्रस्तुत करता है और हिंदू माता-पिता उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलते हुए अपनी बच्चियों को मॉडर्न बनाने निकल पड़ता है जिसके बाद वह नारी सशक्तिकरण के नाम पर इसी प्रकार जिहादियों ही नहीं हर किसी के लिए भोग की वस्तु बनकर रह जाती है।
जिहादी हो या समाज में व्याप्त अन्य राक्षसों को दोष देने से कोई लाभ नहीं यहां गलती हिंदू बच्चियों के माता-पिता की ही है जिनके पास अपने बच्चों को धर्म ज्ञान और संस्कार देने का समय नहीं।