हाँ मैं पूर्ण शाकाहारी हूँ और मुझे इसका गर्व है ।
मुझे गर्व है कि मैं लाश नहीं खाता ।
मुझे गर्व है कि मैं मुर्दाखोर नहीं हूँ ।
मेरी थाली में लाशें नहीं होती , मुर्दे नहीं होते ।
जिन मुर्दे को छूने पर लोग घर आकर नहाते हैं , वही लाश , वही मृतक , वही मुर्दा को लोग कैसे खाते हैं , यह घोर आश्चर्य का विषय है ।
इतनी दुर्गंध आती है उन लाशों से जहाँ ये लोग मुर्गा बकरे काटते हैं , व्यक्ति कैसे इतना दानवी प्रकृति का हो जाता है कि उसको यह लाश की दुर्गंध भी सुगंध लगने लगती है ।
यही तामसिक प्रवृत्ति है जो विवेक बुद्धि का हरण कर लेती है ।
अब आओ वामी कामी , मुर्दा खाने वालों , अपने पेट को कब्रिस्तान बनाने वालों मुर्दाखोरों राक्षसों , आओ ।
I am with Sudha Murty !! Great power to you.
#I_am_Proud_Vegetarian