इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा की देशवासियों का देश के सुप्रीम कोर्ट पर से भरोसा उठ रहा है। लोग सुप्रीम कोर्ट पर मीम और वीडियो बनाकर अपना रोष प्रकट कर रहे हैं, लोगों को लग रहा है को सुप्रीम कोर्ट #Hypocrisy कर रहा है, दोगलापंती..
लोग सुप्रीम कोर्ट से अनेकों सवाल करते हैं लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं तो वो सवाल बस सवाल ही बनकर रह जाते हैं। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर मामले में स्वतः संज्ञान लिया तो फिर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं।
लोग पूंछ रहे हैं कि आखिर जब लोग बंगाल के लिए सुप्रीम कोर्ट से लगातार निवेदन कर रहे थे संज्ञान लेने के लिए तब क्यों सुप्रीम कोर्ट ने ध्यान नहीं दिया?
सुप्रीम कोर्ट ने कभी राजस्थान को दायनित स्थित पर ध्यान क्यों नहीं दिया, राजस्थान आज बलात्कार के मामले में नंबर 1 है और ये बात तो खुद कांग्रेसी स्वीकार कर चुके है।
छत्तीसगढ़, झारखंड से दिल दहला देने वाले मामले आते हैं तब क्यों सुप्रीम कोर्ट की तरफ से वहां की सरकारों के लिए कोई निर्देश नहीं आते?
लोग देश की न्याय व्यवस्था से न्याय की आशा रखते हैं, लेकिन जब न्याय व्यवस्था से भी लोगों को भरोसा उठा जाए, जब न्याय व्यवस्था भी राजनीति करती प्रतीत होने लगे तो लोग कहां जाएं ? और क्या किसी देश के लिए इससे शर्मनाक भी कुछ हो सकता है?