चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों ने इसरो को दी बधाई
कॉंग्रेस के नेता, प्रमुख दावा करते हैं कि नेहरू ने इसरो की स्थापना की कॉंग्रेस ने नफरत, झूठ, भ्रष्ट्राचार, तानाशाही की दुकान खोल रखी है।
◆ नेहरू जी की मृत्यु 1964 में हो गयी थी।
◆ इसरो की स्थापना 1969 में हुई थी।
नेहरू ने एम्स बनवाया लेकिन पूरे खानदान का इलाज अमरीका में होता है नेहरू ने स्कूल कालेज बनवाया लेकिन पूरा खानदान विदेश में पढ़ता है नेहरू ने इसरो बनवाया लेकिन एक भी रॉकेट नही छोड़ा गया आखिर क्यों...!
चंद्रयान परियोजना की घोषणा 2003 में तत्कालीन प्रधान मंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने की थी
◆ चंद्रयान-1: ₹386 करोड़ (2008)
◆ चंद्रयान-2: ₹978 करोड़ (2019)
◆ चंद्रयान-3: ₹615 करोड़ (2023)
यदि यह सफल रहा तो भारत चंद्रमा पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के बाद इसरो टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आइए हम सभी अपनी फिंगर्स क्रॉस कर लेते हैं और 43 दिनों का इंतजार करते हैं.
■ पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने कहा कि अंतरिक्ष यान के लिए पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा में लगभग एक महीना लगने का अनुमान है, जिसकी लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद है. चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है.
■ नंबी नारायण ने आगे कहा कि इसकी सफल सॉफ्ट लैंडिंग से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा, जिससे देश में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी. इस मामले में अन्य देश अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ हैं.
इसरो अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों के लिए न्यूनतम राशि उपयोग करने के लिए जाना जाता है. अन्य देशों के मुकाबले ऐसे अभियानों पर हमारा खर्च बहुत कम है. चूंकि भारत अब प्रौद्योगिकी विकास में निजी भागीदारी को आमंत्रित कर रहा है, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक स्टार्टअप्स की गुंजाइश भी बढ़ेगी.