Web Series : Sarvam Shakthi Mayam का रिव्यू ! क्यों देखें, क्यों न देखें?
सर्वं शक्ति मयम ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही एक वेब सीरीज हैं, जिसमें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के साथ साथ साउथ के भी कुछ मशहूर चेहरे शामिल हैं.
ZEE5 की वेब सीरीज सर्वम शक्ति मायम, शक्तिपीठों से जुडी आज के ज़माने की कहानी बयां करती हैं।
ये कहानी हर बिजनेस में फैल होने वाले माधव (संजय सूरी) और नास्तिक राइटर के इर्द-गिर्द घूमती रहती हैं. प्रिया (प्रिया) माधव की पत्नी हैं. अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहने वाले माधव को अपने बिजनेस में आने वाली कई चुनौतियों के चलते ससुर की मदद लेनी पड़ती हैं. अपने पति की ये आदत प्रिया को बिल्कुल पसंद नहीं है. पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी में परेशान माधव जब मदद के लिए अपने दोस्त के पास जाता है, तब दोस्त उसे कहता है कि अगर वो 18 महाशक्ति पीठों के दर्शन करें, तो उसकी सभी परेशानियां खत्म हो जाएगी.
भले ही माधव इन सब बातों को नहीं मानता लेकिन फिर भी वो अपने परिवार के साथ देश के 18 महाशक्तिपीठों का दर्शन करने चल पड़ता है और एक मोड़ पर वो अमेरिका से आए हुए उस नास्तिक राइटर से मिलते हैं, जो खुद महाशक्तिपीठों को देखकर उनके खिलाफ नई किताब लिखने आया है. अब भगवान पर श्रद्धा के चलते आगे बढ़ने वाले माधव की आस्था और नास्तिक राइटर की व्यवहारिकता इन में से किसकी जीत होगीं, ये जानने के लिए आपको ZEE5 की वेब सीरीज सर्वम शक्ति मायाम देखनी होगीं.
क्यों देखें
सर्वम शक्ति मयम एक आम एंटरटेनमेंट सीरीज नहीं हैं. ये एक ऐसी कहानी है, जो आपको सोचने में मजबूर कर देती है. आध्यात्मिकता को किस तरह से इस कहानी में लॉजिक के साथ पेश किया गया है, ये देखने के लिए ये वेब सीरीज जरूर देख सकते हैं. मॉडर्न और वेस्टर्न कल्चर के नाम पर हम आसानी से अपने उन संस्कारों को भूल रहे हैं, जो इस देश की नींव है. हालांकि इस नींव को फिर एक बार मजबूत बनाने के लिए आप ये सीरीज देख सकते हैं.
शक्तिपीठ क्या है?
🕉️ सनातन धर्म में पुराणों का विशेष महत्व है और इन्हीं पुराणों में वर्णन है माता के शक्तिपीठों का। पुराणों के अनुसार एक बार भगवान शिव पर प्रतिशोध लेने की इच्छा के साथ प्रजापति दक्ष ने यज्ञ किया। दक्ष ने भगवान शिव और अपनी पुत्री माता सती को छोड़कर सभी देवताओं को आमंत्रित किया। माता सती ने यज्ञ में उपस्थित होने की अपनी इच्छा भगवन शिव के सामने व्यक्त की, जिन्होंने उसे रोकने के लिए अपनी पूरी कोशिश की परंतु माता सती यज्ञ में चली गई। यज्ञ में पहुंचने के पश्चात माता सती का स्वागत नहीं किया गया। इसके अलावा, दक्ष ने भगवन शिव का अपमान भी किया। माता सती अपने पिता द्वारा किए गए इस अपमान को झेलने में असमर्थ थी, इसलिए उन्होंने यज्ञ कुंड की ज्वाला में कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी।
🚩 जब भगवान शिव, माँ सती के शरीर को लेकर तांडव करने लगे तो पूरी सृष्टि व्याकुल हो उठी। तब श्री विष्णु ने सृष्टि को बचाने एवं शिवजी के संताप को कम करने के लिए माँ सती के शरीर एवं धारण किए वस्त्र, आभूषणों के 51 टुकड़े कर दिये। जहाँ जहाँ माँ सती के अंग के टुकड़े, धारण किए हुए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहाँ वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आए। और कालांतर में ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये पावन तीर्थ आज पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं जहाँ आदिशक्ति की उपासना अनादिकाल से की जा रही है।
🚩 देवी पुराण में वर्णित इन 51 शक्तिपीठों में 42 शक्तिपीठ भारत में हैं।
1 शक्तिपीठ पाकिस्तान में और 4 बांग्लादेश में।
शेष 4 पीठों में 1 श्रीलंका में,
1 तिब्बत में तथा 2 नेपाल में स्थित है।
🚩 माता के भक्तों का ऐसा विश्वास है की इन शक्तिपीठों के नित नाम लेने से ही माता की भक्ति का वरदान प्राप्त होता है और उनके भक्तों की हर मनोकामना भी पूरी होती है।
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