ये नहीं सुधर सकते, ये अपनी गंदगी को अब भी जस्टिफाई कर उसे लोगों को निगलने के लिए ही बोल रहे है, ऐसे लोग क्षमा के अधिकारी हो नहीं। इस वाहियात फिल्म को हर हाल में हर रामभक्त, सनातनी को Boycott तो करना ही चाहिए साथ ही बैन की मांग भी करनी चाहिए #BanAdipurushMovie
1 - ओम राउत ने अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को ही मूर्ख बता दिया...
लोगों को ज्ञान देते हुए om raut कहता है की “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर किस तरह से चल रही है। मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हम दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ‘आदिपुरुष’ ने ओपनिंग डे पर दुनियाभर में 140 करोड़ रुपए की कमाई की। हालाँकि, फिल्म का बजट 600 करोड़ रुपए है। इतने बड़े बजट को देखते हुए अभी फिल्म को लंबा सफर तय करना होगा।”
उन्होंने आगे कहा है, “अगर मैं यही बैठकर यह कहूँ कि मैंने रामायण को समझ लिया है तो मुझे लगता है कि यह एक बड़ी गलती होगी। मुझे लगता है कि किसी भी व्यक्ति में रामायण को समझने की क्षमता नहीं है। मैंने जो भी रामायण समझी है और जो कुछ आप भी जानते हैं, वह किसी गिलहरी के योगदान की तरह है। मैंने रामायण के बारे में जो थोड़ा सा समझा है, उसे मैंने फिल्म पर दिखाने की कोशिश की है।”
ओम राउत ने आगे कहा है कि टीवी पर जो रामायण देखते हुए लोग बड़े हुए हैं, उसमें बहुत बड़ी कहानी है। वहीं, आदिपुरुष रामायण के एक भाग पर केंद्रित है। सीधे शब्दों में कहें तो यह ‘युद्ध कांड’ पर बनाई गई फिल्म है। उन्होंने आगे कहा है, “रामायण इतनी बडी है किसी के लिए भी इसे समझना असंभव है। अगर कोई कहता है कि उसने रामायण को समझ लिया है तो वह मूर्ख है या फिर वो झूठ बोल रहा है।”
2 - मनोज मुंतशीर झूठ पर झूठ बोल रहे हैं और उल्टी सीधी बातें कर रहे हैं लेकिन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं
मनोज ने न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं माफी बिलकुल नहीं माँगता। माफी से भी बड़ा कुछ होता है… जब आप माफी माँगते हैं तो आप अगली गलती की तैयारी शुरू कर देते हैं। मैं क्षमा माँगने की बजाय इसे एक्शन (डॉयलाग) में बदल रहा हूँ।”
जब एंकर राम शर्मा ने पूछा कि आखिर लक्ष्मण को जब शक्ति लगती है तो वो उन्हें संजीवनी बूटी की जानकारी विभीषण की पत्नी देती है… ऐसा किस जगह से रेफरेंस लेकर दिखाया गया है?
इस पर मनोज ने कहा, “इन किरदारों के लिए आपको ओम राउत से बात करनी होगी। हमारी कहानी रामायण से प्रेरित है। हमारी कहानी रामयण के कुछ हिस्से से है। पूरी रामायण नहीं दिखाई गई है। स्क्रीनप्ले के अडॉप्शन के लिए मुझसे सवाल नहीं होना चाहिए। आपको तो खुली बांह से स्वागत करना चाहिए कि लेखक-निर्माता इस बात को कह रहे हैं कि फिल्म के वो संवाद बदल दिए गए जो आपको पसंद नहीं थे।”
मनोज मुंतशिर ने सवालों का जवाब देने की जगह एंकर को कहा- “आप मुद्दे से भटक रहे हैं।” वो कहते हैं कि वो फिल्म के डॉयलाग्स के लिए जिम्मेदार है अगर स्क्रीनप्ले या किरदारों पर बात करनी है तो फिर इसके लिए ओम राउत से बात करनी चाहिए। जब एंकर ने पूछा कि क्या ऐसे किरदारों का भी डॉयलाग आप लिखते हैं जो होते ही नहीं। इस पर मनोज ने कहा कि आपके सवालों का जवाब आपको अच्छे से ओम राउत देंगे। एक एक चीज का रेफरेंस वो आपको देंगे, लेकिन इसके लिए आपको बात उन्हीं से करनी होगी। उन्होंने सिर्फ कथानक पर यकीन किया और उनके लिखे चरित्रों पर भी संवाद को लिखा।
ये वही धूर्त और मक्कार हैं जो फिल्म रिलीज होने के पहले इसे रामायण बता रहे थे और रिलीज के बाद जब लोगों ने विरोध जताया तो इसे रामायण से प्रेरित बता रहे हैं।
ऐसे मक्कार लोग रामायण बनाएंगे? रामायण को समझेंगे? इन्हें केवल जनता को आस्था का धंधा करना था जो ये कर रहे हैं और अब भी अज्ञानी और कुछ मूर्ख इनके इस मक्कारी के जाल में फंसे हुए हैं।
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