मजार , दरगाह यदि अवैध भी है तो भी प्रशासन उन्हें हटा नहीं सकता अन्यथा परिणाम ऐसा ही होगा। "गुजरात जूनागढ़ में एक अवैध दरगाह को हटाने को लेकर मुसलमानों ने हिंसा की और कई पुलिस वालों को घायल किया साथ ही पुलिस चौकी को भी तहस नहस कर दिया।
पुलिस पर हमला करने वाले पुलिस चौकी को जलाने वाले क्या यह देशद्रोही गद्दार नहीं है? इन जिहादी कट्टरपंथियों को प्रशासन का कोई डर नहीं है यह चाहते हैं कि यह हर काम अवैध रूप से करते रहे लेकिन कानून और प्रशासन इन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना करें। और इनके कुछ नेता या यह कहें इन के कुछ प्रतिनिधि इनके हरकू कर्मों में इनको जस्टिफाई करने के लिए कूद पड़ते हैं।
देश का जितना मर्जी विकास हो जाए लेकिन जब तक हमारे देश का कानून और प्रशासन मजबूत नहीं होता जब तक इन कट्टरपंथी मजहबीयों को इस देश के कानून का भय नहीं लगता और वह इस देश के कानून का सम्मान नहीं करते इस देश से प्रेम नहीं करते तब तक सारा विकास बेकार है।
जिस देश की पुलिस इन कट्टरपंथियों से सुरक्षित नहीं उस देश की जनता कहां सुरक्षित हो सकती है या यह कहें कि जिस देश की पुलिस इन कट्टरपंथियों से खुद की रक्षा नहीं कर सकती वह हिंदुओं की रक्षा कैसे करेगी। हिंदू यदि अपनी मांगों को रखते हुए शांति से कोई धरना प्रदर्शन करता है तब भी यह पुलिस उन पर लाठी चार्ज करके अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है लेकिन जहां बात कट्टरपंथी जिहादियों की आती है वहां पुलिस इन कट्टरपंथियों को संभाल नहीं पाती बल्कि उनसे पिटती है और घायल होकर हॉस्पिटल में पहुंच जाती है।
जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में एक अवैध दरगाह स्थित है। इसको लेकर स्थानीय लोग अक्सर शिकायत करते थे। इसके बाद प्रशासन ने इसे हटाने के लिए दरगाह से संबंधित लोगों को नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी से भड़की दंगाइयों की भीड़ ने शुक्रवार (16 जून 2023) की बवाल कर दिया।
हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाते हुए उन पर पथराव कर दिया। हमले में डिप्टी एसपी, महिला पीएसआई और एक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसके बाद बाद भीड़ मजेवड़ी पुलिस चौकी पहुँची और उसमें जमकर तोड़फोड़ की और वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आसपास से अतिरिक्त बलों को बुलाया। इस दौरान आँसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद पुलिस हालात को नियंत्रित करने में सफल हो पाई। हालात काबू में है, लेकिन इलाके में भारी तनाव है। इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ शाम से ही जुटनी शुरू हो गई थी। रात 9 बजे तक दरगाह के पास 200-300 इकट्ठा हो गए। पुलिस ने इन लोगों को वहाँ से हटाने की कोशिश की तो भीड़ पुलिस पर पथराव करने लगी और हिंसक होकर पुलिस चौकी पर हमला कर दिया।
जिस दरगाह को लेकर भीड़ ने हिंसा की, वह जूनागढ़ में मजेवड़ी गेट के सामने रास्ते के बीचों-बीच बनी है। इसे हटाने के लिए महानगरपालिका की ओर से सीनियर टाउन प्लानर ने एक नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि यह धार्मिक स्थल अवैध तरीके से बनाया गया है।
महानगर पालिका ने पाँच दिन के अंदर इस दरगाह को हटाने अथवा इसके कानूनी तौर पर सही होने के सबूत पेश करने के लिए कहा था। अधिकारियों ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो इसे तोड़ा जाएगा और तोड़ने का खर्च दरगाह को देना होगा। इस नोटिस को लगाने के लिए अधिकारी दरगाह के पास पहुँचे थे। इसको देख लोग हिंसक हो गए।
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