ये वही ओवैसी हैं जिनके भाई ने 15 मिनट के लिए पुलिस हटाने की बात कही थी, ये वही ओवैसी है जिसकी पार्टी के नेता हिंदू विरोधी बयान देते नहीं थकते और ये वही ओवैसी है जो मुस्लिम जेहादियों के जेहाद पर खामोश रहते हैं और सेना पर पत्थर फेंकने वालों को भटका हुवा नौजवान बताते हैं।
अब ये बाहर जाकर भारत को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि पूरा विश्व जानता है की भारत के मुसलमानों से ज्यादा खुश पूरे विश्व में कहीं का मुसलमान नहीं है। लेकिन कुछ लोगों को आदत होती है जिस थाली में खाएं उसीमे छेद करने की।
👉असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत में प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता का माहौल है. उन्होंने हिटलर के जमाने का हवाला देते हुए कहा कि भारत में अब 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द केरला स्टोरी' जैसी फिल्में बन रही हैं.
✊ओवैसी साहब Ajmer 92 और 72 hoorein का नाम लेना भूल गए। ये फिल्म कट्टरपंथियों को नंगा कर रही हैं, उनका घिलौना सच दुनिया के सामने ला रही हैं
👉ओवैसी ने भारत की तुलना 1930 के दशक की जर्मनी की घटनाओं की है. उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में मुस्लिम घरों पर बना ‘एक्स मार्क’, 1930 के दशक में जर्मनी में क्या हुआ आज के भारत में जगह ले रहा है. उन्होंने औरंगजेब फोटो विवाद पर भी पलटवार किया है.
✊ओवैसी साहब ओरंगजर्ब एक लुटेरा था, एक कट्टरपंथी हैवान था और भारत में ऐसे हैवानों को शिवाजी जैसे शेर फाड़ देते हैं। ये ओवैसी औरंगजेब की नाजायज औलादों का पक्ष ले रहा है, लेकिन इन दंगे फैलाने वाले मुस्लिम दंगाइयों के खिलाफ मुंह नहीं खोलता, क्योंकि ये नेता, वकील सबकुछ होने से पहले एक मुसलमान है और शौर्य फिल्म का एक डायलॉग है ना कि "इनकी निष्ठा इनके मजहब और इनको कोई के प्रति होती हैं, और 👇 आप खुद ही सुन लीजिए