अब तो ऐसा लग रहा है कि मनोज मुंतशिर के दिमाग में बहुत भारी लोचा हुआ है वह लगातार ऐसी बकवास कर रहे हैं जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ता जा रहा है और उन्हें पढ़ने वाली गालियां और तीखी होती जा रही है। पहले हनुमान जी के भगवान ना होने की बात कही और आप प्रभु श्री राम को लेकर करदी मूर्खतापूर्ण टिप्पणी..
सुनने में आ रहा है कि आदि पुरुष फिल्म के विवादित संवादों को बदल दिया गया है लेकिन संवादों के अलावा भी फिल्म में जो भयानक गढ़ बढ़िया है वह नहीं सुधारी जा सकती? ऊपर से मनोज मुंतशिर की बेवकूफी भरी बातें जो जनता को और अधिक आक्रोशित कर रही है..
संवाद बदलने के बावजूद भी ऐसे कई सीन हैं, जिनको लेकर लोगों में गुस्सा है। इनमें विभीषण की पत्नी माया का लोकट ब्लाउज पहनना और कपड़े बदलते हुए दिखाना, रावण का चमगादड़ पर यात्रा करना, लक्ष्मण जी को शक्तिबाण लगने पर माया द्वारा टब में लिटाना है आदि कई ऐसे सीन हैं, जिन्हें दर्शक पचा नहीं पा रहे हैं।
इन सबमें एक प्रमुख सवाल है, रामजी के सामने से सीता जी का अपहरण। इस मुद्दे को जी न्यूज के एंकर राम मोहन शर्मा ने मनोज मुंतशिर शुक्ला के साथ एक शो में बातचीत के दौरान उठाई। एंकर शर्मा ने कहा, भगवान राम कभी इतने बेबस लगे, इतने असहाय लगे कि उनकी पत्नी को रावण उठाकर ले जा रहा है और वे आँख भरकर देख रहे हैं।”
भगवान राम को ऐसे चित्रित करने के सवाल पर शुक्ला हड़बड़ाए से नजर आते हैं और कहते हैं, “भगवान राम ने अपना पूरा जीवन मानव मूल्यों पर जिया है। उन्होंने कभी चमत्कार नहीं दिखाया। उनकी शक्तियाँ अर्जित की हुई थीं। जैसा उन्होंने कमाई थीं, वैसा हम और आप भी कमा सकते हैं। श्रीराम की कथा की विशेषता यही है।”
आगे कहते हैं, “यही चीजें राम को श्रीकृष्ण से अलग करती हैं। भगवान श्रीकृष्ण को पहले से पता था कि वे अवतार हैं और 16 कलाओं के स्वामी हैं। वो लीलाधर हैं। उनको पता था। भगवान राम को कुछ नहीं पता था। भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, ये बहुत बाद के चरण में बात आई होगी।”
पपहले तो फिल्म के दृश्य डायलॉग, कॉस्ट्यूम, यह सब देख कर ही लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था ऊपर से मनोज मुंतशिर की यह फालतू बकवास जिसके बाद लोगों का सरकार से बस यही कहना है कि इस फिल्म को बैन करें और इन मूर्ख लोगों पर कठोर कार्यवाही करें।
Jay shree ram
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