भगवत गीता के 10वें अध्याय "विभूति योग" श्लोक २६ में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं -
"अश्वत्थ: सर्वक्षण" अर्थात सभी वृक्षों में मैं पीपल का वृक्ष हूं। ऐसा किस लिए ?
प्राचीन काल से ही भारतीय लोक जीवन में पीपल के वृक्ष को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। देववृक्ष पीपल के अंतरंग प्रभाव के संपर्क से चेतना आनंदित एवं आनंदित होती है।
अथर्ववेद में पीपल के वृक्ष को देवताओं का निवास बताया गया है- अश्वत्थो देव सदन:।
ऐसा शास्त्रों में वर्णित है -
अश्वत्थ: पूजा तीर्थ पूजा: सर्व देवता:।
अर्थात पीपल की विधिपूर्वक पूजा करने से संपूर्ण देवता स्वयं पूज्य हो जाते हैं।
स्कंदपुराण में अश्वत्थ (पीपल) का बहुत महत्व है - मुले विष्णु: नित्यं स्कन्धे केशव अव च।
नारायणस्तु शाखासु पत्रेषु भगवान हरि:।।
फले ऽचुतो संशय: सर्वदेव: समन्वित:।
पीपल की जड़ों में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सभी देवताओं सहित अच्युत सदैव निवास करते हैं - इसमें कोई संदेह नहीं है।
पीपल ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो दिन-रात ऑक्सीजन (प्राकृतिक वायु) उत्पन्न करता है और कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करता है।
आयुर्वेद में पीपल के औषधीय गुणों का उपयोग कई असाध्य रोगों में बताया गया है। इसके पत्ते, फल, छाल सभी रोग नाशक हैं। इसका उपयोग रक्त विकार, खांसी, गठिया, पित्त, उल्टी, कफ, हिचकी, कृमि, कुष्ठ आदि अनेक रोगों में किया जाता है।
जब भगवान श्रीकृष्ण ने देखा कि मेरे बड़े भाई बलराम जी परमपद में लगे हुए हैं, तब वे (योगेश्वर श्रीकृष्ण) परमधाम जाने से पहले एक पीपल के पेड़ के नीचे जाकर चुपचाप पृथ्वी पर बैठ गये।
रामनिर्याण्मलोक्य भगवान देवकीसुता:।
निःषद् धरोपस्थे तुष्णिमासाद्य पिप्पलम्।।
उस समय उनका चतुर्भुज रूप अंगकांति से अंगकांति था।
आधुनिक मनोवैज्ञानिकों और शरीर रचना विज्ञानियों का कहना है कि पीपल के पेड़ में मानव में धारणा और चेतना पैदा करने वाले रासायनिक तत्व - मस्तिष्क की सर्वोच्च उपलब्धि है।
मनुष्य की बुद्धि को प्रकट करने के लिए जिस रासायनिक प्रक्रिया की आवश्यकता होती है जिन रासायनिक तत्वों की आवश्यकता होती है वह लोगों में मौजूद होते हैं।
इस दृष्टि से अब वैज्ञानिक भी यह मानने लगे हैं कि पीपल ज्ञान का वृक्ष है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि भारतीय प्राज्ञ प्राचीन काल से ही पीपल के सभी पहलुओं से परिचित थे।
इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने पीपल के वृक्ष को अपनी विभूति से अलंकृत किया है।
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