अभी हाल ही में इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) से प्रताड़ित होकर भारत (India) आए विस्थापित हिन्दुओं के माध्यम से बताया था कि यदि भारत इस्लामिक राष्ट्र बना तो क्या हो सकता है? अब पुनः एक खबर जो इसी प्रश्न को फिर समझाने का प्रयास है।
पाकिस्तान में 9 वर्षीय हिंदू बच्ची का 55 साल के मुसलमान ने अपहरण कर जबरन धर्मांतरण कराया और निकाह कर लिया। ऑन रिकॉर्ड्स 1 वर्ष में 124 ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं (ऑफ रिकॉर्ड तो इससे 10 गुना अधिक होंगी)
यह हालत है हिंदुओं की इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान में, वैसे भारत में भी हिंदू बच्चियों की स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है यहां भी जेहादी हिंदू बच्चियों को लव जिहाद में फंसाते हैं और उनके साथ क्या करते हैं यह बताने की आवश्यकता अब बची नहीं है। हाल ही में शाहबाद डेयरी में साक्षी के साथ जिहादी साहिल ने क्या किया यह सब ने देखा है।
अब आप सोचिए, भारत जोकि लोकतांत्रिक देश माना जाता है और कहा जाता है कि संविधान तथा कानून के अनुसार चल रहा है वहां हिंदू बच्चियों की ऐसी स्थिति है तो कल को यदि भारत इस्लामिक मुल्क बन जाता है तो क्या होगा? बस कल्पना करके देखिए शायद आप उस सच्चाई तक कल्पना में भी ना पहुंच पाओ।
वैसे भारत में कुछ ऐसे वाकिये भी सामने हाल ही में आए हैं जिनमें यदि हिंदू लड़का किसी मुस्लिम लड़की के साथ पाया जाता है तो उसकी पिटाई कर दी जाती है यह तब हो रहा है जब भारत एक सेक्युलर राष्ट्र है अब सोचिए यदि भारत पीएफआई के एजेंडे के अनुरूप इस्लामिक मुल्क बना तो क्या होगा?
Opindia की रिपोर्ट के अनुशार पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस महीने की शुरुआत में सिंध प्रांत में 55 साल के एक शख्स ने 9 साल की हिंदू लड़की का उसके घर से अपहरण कर उससे निकाह किया। आरोपित पर नाबालिग का जबरन धर्मांतरण कराने का भी आरोप है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने पाकिस्तान से अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया।
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ भयावह अत्याचार की घटनाओं में काफी वृद्धि देखने को मिली है। पाकिस्तान के कब्जे वाले पंजाब के सिंध प्रांत में बड़ी संख्या में हिंदू रहते हैं। यहाँ लगातार हिंदू लड़कियों और महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले साल के अंत में सिंध में एक 44 वर्षीय हिंदू महिला की हत्या कर उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया था। इन घटनाओं से अल्पसंख्यकों में दहशत का माहौल है। इसके अलावा पिछले साल सुक्कुर में अपहरण करने वालों का विरोध करने वाली एक 18 वर्षीय लड़की को मौत के घाट उतार दिया गया था।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पिछले 1 साल में पाकिस्तान से अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों और महिलाओं के जबरन धर्मांतरण व निकाह के 124 मामले सामने आए हैं। पीड़ितों में कई नाबालिग हैं। अल्पसंख्यक समुदायों के कई लोग आज भी डर के साये में रहने को मजबूर हैं। भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान में स्थानीय पुलिस और अन्य अधिकारियों ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करके उनके डर को और बढ़ा दिया है।
बता दें कि भारत ने इस साल मार्च में UNHRC में लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराकर उनसे निकाह करने वाले मामलों को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी। भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि अल्पसंख्यक समुदायों की कम उम्र की लड़कियों को एक हिंसक देश और एक उदासीन न्यायपालिका द्वारा इस्लाम में कन्वर्ट किया जा रहा है। हिंदू और सिख समुदाय के पूजा स्थलों पर हमलों और उनकी कम उम्र की लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन के मामले लगातार सामना आते रहे हैं। इन जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने की इच्छा रखने वालों पर देश की कार्रवाई अतुलनीय है।