धर्म परिवर्तन कर ईसाई और मुसलमान तो बन जाते हैं लेकिन आरक्षण नहीं छोड़ते और दलितों का हक छीनते रहते हैं आरक्षण और सुविधाओं का लाभ उठाते रहते हैं। इसिके विरोध में 27 में को जनजातीय सुरक्षा मंच अहमदाबाद में रैली करने जा रही है। 22 मई को इसी विषय में अनुसूचित जाति बचाओ मंच (AJBM) ने अहमदाबाद में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
यदि आप भी अनुसूचित जाति जनजाति के हिंदू बंधुओं की मांगों से सहमत हैं तो सर्वप्रथम लिंक पर क्लिक कर रीट्वीट करें ताकि सोशल मीडिया पर भी आवाज प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी तक पहुंचाई जाए।
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इसी विषय पर हमने जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रतिनिधि आदरणीय इंदर भगत जी के साथ live किया था जिसमें उन्होंने 70 सालों से चल रहे इस संघर्ष को बारीकी से समझाया...आप भी वीडियो अवस्य देखें
https://www.youtube.com/watch?v=cRypCWeYHMs
जनजाति सुरक्षा मंच ने भी हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम-ईसाई बने लोगों को सूची से बाहर निकालने की माँग तेज कर दी है। इसे लेकर 27 मई को अहमदाबाद रिवरफ्रंट पर एक रैली का आयोजन किया जा रहा है। जनजाति सुरक्षा मंच का कहना है कि जनजातीय समूह के लोग साल 2006 से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में आवाज उठा रहे हैं। वे इस्लाम या ईसाई में परिवर्तित होने वाले लोगों को मिलने वाले विशेष लाभ खासकर आरक्षण संबंधी लाभ रोकने की माँग कर रहे हैं। मंच के नेताओं का कहना है कि धर्मांतरित लोगों को जनजाति और अल्पसंख्यक दोनों के नाम पर लाभ प्राप्त हो रहा है।
मध्य प्रदेश के भेल दहशहरा मैदान में जनजाति सुरक्षा मंच की तरफ से जनजाति गर्जना डी-लिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया। 10 फरवरी, 2023 को आयोजित महारैली में राज्य भर के 40 जिलों से आए जनजातीय समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन कर रहे लोग धर्म बदलने वाले जनजातीय समुदाय के लोगों के डी-लिस्टिंग की माँग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अपनी संस्कृति और पूजा-पद्धति का त्याग करने के बाद भी लोग जनजातीय समुदाय को मिलने वाले सरकारी योजनताओं व मिल रहे अन्य लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में धर्म परिवर्तन करने वालों की डी-लिस्टिंग आवश्यक है।
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