गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 65
आज का पंचांग
शुक्रवार १९/०५/२०२३
ज्येष्ठ अमावस्या , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 19 मई 2023
⛅दिन - शुक्रवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - ज्येष्ठ
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - भरणी सुबह 07:29 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅योग - शोभन शाम 06:17 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅राहु काल - सुबह 10:58 से 12:36 तक
⛅सूर्योदय - 05:57
⛅सूर्यास्त - 07:15
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:57 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - वटसावित्री व्रत (अमावस्यांत), ज्येष्ठ अमावस्या, शनैश्चर जयंती
⛅विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌹 वटसावित्री व्रत - 19 मई 2023 🌹
🌹 व्रत-विधि : इसमें वटवृक्ष की पूजा की जाती है । विशेषकर सौभाग्यवती महिलाएँ श्रद्धा के साथ ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक अथवा कृष्ण त्रयोदशी से अमावास्या तक तीनों दिन अथवा मात्र अंतिम दिन व्रत-उपवास रखती हैं । यह कल्याणकारक व्रत विधवा, सधवा, बालिका, वृद्धा, सपुत्रा, अपुत्रा सभी स्त्रियों को करना चाहिए ऐसा ‘स्कंद पुराण’ में आता है ।
🌹 प्रथम दिन संकल्प करें कि ‘मैं मेरे पति और पुत्रों की आयु, आरोग्य व सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए एवं जन्म-जन्म में सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट-सावित्री व्रत करती हूँ ।’
🌹 वट के समीप भगवान ब्रह्माजी, उनकी अर्धांगिनी सावित्री देवी तथा सत्यवान व सती सावित्री के साथ यमराज का पूजन कर ‘नमो वैवस्वताय’ इस मंत्र को जपते हुए वट की परिक्रमा करें । इस समय वट को 108 बार या यथाशक्ति सूत का धागा लपेटें । फिर निम्न मंत्र से सावित्री को अर्घ्य दें ।
🌹 अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते ।पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ।।
🌹 निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना कर गंध, फूल, अक्षत से उसका पूजन करें ।
वट सिंचामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः । यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले ।
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मां सदा ।।
📖 ऋषि प्रसाद - जून 20087
🔹ज्येष्ठ अमावस्या - 19 मई 2023🔹
🔸18 मई रात्रि 09:42 से 19 मई रात्रि 09:22 तक अमावस्या है ।
🔹अमावस्या विशेष🔹
🌹1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।
(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)
🌹2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)
🌹4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।
🌹5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।
🔹गरीबी भगाने का शास्त्रीय उपाय🔹
🌹गरीबी है, बरकत नहीं है, बेरोजगारी ने गला घोंटा है तो फिक्र न करो । हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें ।
🔹सामग्री : १. काले तिल २. जौ ३. चावल ४. गाय का घी ५. चंदन पाउडर ६. गूगल ७. गुड़ ८. देशी कपूर एवं गौ चंदन या कण्डा ।
🌹विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवन कुण्ड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये मंत्रों से ५ आहुति दें ।
आहुति मंत्र
🌹 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
🌹 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
🌹 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
🌹 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
🌹 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
🌹इस प्रयोग से थोड़े ही दिनों में स्वास्थ्य, समृद्धि और मन की प्रसन्नता दिखायी देगी ।
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