गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 66
आज का पंचांग
शनिवार २०/०५/२०२३
ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 09:30 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅दिनांक - 20 मई 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - ज्येष्ठ
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - कृतिका सुबह 08:03 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅योग - अतिगण्ड शाम 05:18 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅राहु काल - सुबह 09:17 से 10:56 तक
⛅सूर्योदय - 05:57
⛅सूर्यास्त - 07:16
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:57 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा प्रारंभ, चन्द्र-दर्शन (शाम 07:16 से 08:03 तक)
⛅विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹गंगा दशहरा प्रारंभ - 20 मई 2023
🌹 जो गंगास्नान न कर पायें, वे 3 ढक्कन गंगाजल बाल्टी में डालकर गंगाजी की भावना करते हुए स्नान करें और शाम को गंगाजी के निमित्त दीपदान करें ।
🌹 गंगा स्नान का फल 🌹
🌹 "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)
🌹गंगा स्नान का मंत्र🌹
🌹गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
🌹ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...
🌹 गंगाजी का मूल मंत्र 🌹
🌹 वेद व्यासजी कहते थे कि गंगाजी का एक गोपनीय मंत्र है । और वो गंगाजी का मूल मंत्र एक बार भी जप करो तो तुम निष्पाप होने लगोगे ।
🌹गंगाजी का मंत्र - ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम: ।
🌹 जीभ तालू में लगाओ और मन में खाली एक बार बोलो । एक बार जपने से आप का मन पवित्र हो जायेगा । गंगा मैया !! आप विश्वरुपिनी हो, नर नारायण स्वरूपी हो, गंगामाई तुमको नमस्कार !!
🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹
🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹
🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
🔹अकाल मृत्यु व घर में बार बार मृत्यु होने पर🔹
🔸जिसे मौत का भय होता है या घर में मौतें बार-बार होती हों, तो शनिवार को "ॐ नमः शिवाय" का जप करें और पीपल को दोनों हाथों से स्पर्श करें । खाली १०८ बार जप करें तो दीर्घायुष्य का धनी होगा । अकाल मृत्यु व एक्सिडेंट आदि नहीं होगा । ऐसा १० शनिवार या २५ शनिवार करें, नहीं तो कम से कम ७ शनिवार तो जरूर करें ।
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