धर्म परिवर्तन नहीं किया तो कट्टरपंथी ने हिंदू पत्नी को मौत के घाट उतार दिया..ये प्यार है? क्या ये लव जेहाद नहीं?
आखिर कितने साक्ष्य चाहिए लव जिहाद के? नित नए किस्से सामने आ रहे हैं कि कैसे कट्टरपंथी हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं और फिर उन्हें प्रताड़ित करते हैं या फिर उनकी हत्या कर देते हैं। इतना सब होते देखने के बाद भी कुछ लोग लव जिहाद को झूठ बताते हैं।
👉 इकबाल ने खुद को हिंदू और अपना नाम डॉ. राजू शर्मा बताते हुए निशा को प्यार के जाल में फँसाया था। इसके बाद दोनों ने साल 2012 में शादी कर ली। शादी के बाद निशा को इकबाल की सच्चाई का पता। इसके बाद वह निशा पर इस्लाम कबूलने का दवाब बनाने लगा।
👉लेकिन निशा ने धर्म नहीं बदला था। वह हिन्दू तौर-तरीकों से ही रह रही थी। इकबाल को इससे आपत्ति थी। बाद में यह बात भी सामने आई कि निशा से इकबाल ने दूसरी शादी की थी। जब लगातार दबाव के बाद भी निशा ने इस्लाम नहीं कबूला तो इकबाल अपने जीजा और एक अन्य साथी के साथ मिलकर उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी।
घटना बरेली उत्तर प्रदेश की हैं, अदालत ने डॉक्टर इकबाल अहमद को अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 9 साल की बेटी की गवाही पर उसे सजा सुनाई गई। 2021 में इकबाल की पत्नी निशा फँदे से लटकी मिली थी। उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। फिर आत्महत्या का रूप देने के लिए फँदे से लटका दिया गया। इकबाल ने हिंदू पहचान के साथ निशा से शादी की थी और बाद में उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव डालने लगा था। बात नहीं मैंने पर दो लोगों के साथ मिलकर हत्या कर दी।