इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग एवं साइंटिफिक सर्वे की माँग की याचिका स्वीकार करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) को बिना शिवलिंग को किसी तरह की क्षति पहुँचाए कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया है।
निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के "यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश के कारण कार्बन डेटिंग को अनुमति नहीं दी थी, इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी अदालत का आदेश पलटते हुए कार्बन डेटिंग का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने भारत सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि शिवलिंग को नुकसान पहुँचाए बिना कार्बन डेटिंग से जाँच की जा सकती है या नहीं, क्योंकि इससे शिवलिंग की आयु का पता चलेगा। इस पर ASI ने कहा बिना किसी नुकसान के शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जाँच की जा सकती है।
अब जल्द ही सत्य सामने आएगा और पता चलेगा कि शिवलिंग है या फव्वारा...
शिव ही सत्य है। हर हर महादेव🚩