हिन्दू राष्ट्र की अलख जगाने वाले पंडित धीरेन्द्र शास्त्री जी लगातार कई लोगों की घर वापसी करवा रहे हैं, जो लोग या जिनके पूर्वज कभी किसी कारणवश गलत मार्ग पर चले गए थे उन्हें सही मार्ग पर ला रहे हैं और उनका कल्याण कर रहे हैं .. साथ ही सनातनियों को भी जागरूक कर उन्हें हिन्दू राष्ट्र का संकल्प दिलवाकर तैयार कर रहे हैं , ऐसे में उनपर धर्मद्रोहियों की पैनी नजर हैं और समय समय पर उन्हें घेरने का प्रयास भी हो रहा है
सनातनियों को चाहिए की वो ऐसे सभी लोगों का पूर्ण सहयोग करें जो सनातन धर्म का पचम लहरा रहे हैं.
MP के सागर जिले में पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी ने 50 से ज्यादा परिवारों के 95 लोगों की सनातन धर्म में घर वापसी करवाई । ये लोग जिले के अलग-अलग गाँवों के रहने वाले हैं। उन्होंने घर वापसी के समय कहा कि वो लोग लालच में आकर ईसाई बन गए थे लेकिन अब फिर ऐसा नहीं होगा।
पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने इन्हें धर्म की शपथ दिलाई और पीली पट्टिका पहनाकर इनका हिंदू धर्म में स्वागत किया गया, घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें किन परिस्थितियों में ईसाई बना दिया गया था और उन्हें क्या कहा गया था।... VIDEO
घर वापसी किये एक व्यक्ति नौनेलाल ने कहा कि कि पैसे देने और बच्चों की पढ़ाई का लालच देकर उन लोगों को ईसाई बनाया गया था। लेकिन जब उन्होंने पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनी तो उनकी आत्मा जाग गई। वे बोले- अब जबतक जिंदगी रहेगी, सनातनी धर्म में ही रहेंगे। कहीं नहीं जाएँगे चाहे कोई कितना ही दम लगाए।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, दयाल नमक व्यक्ति ने बताया कि उसे पानी में डुबकी लगवाकर ईसाई बनाया गया था और ऐसा करने के बाद उसे बकरी, मच्छरदानी और कंबल भी मिले थे। दयाल ने कहा, “मजदूरी करते थे इसलिए लालच में आ गए। उन्होंने कहा था कि ईसाई धर्म मानोगे तो ऐसे ही सब कुछ मिलेगा।” वहीं घर वापसी करने वाली एक महिला ने भी बताया कि कैसे उसे ईसाई बनाकर उसे मंगलसूत्र पहनने से मना किया गया था।
95 लोगों की सनातन में वापसी कराने के बाद बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “हम जातिवाद में नहीं पड़ते। आज से आप लोग हमारा परिवार है।” उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि सभी घर वापसी वाले लोगों को अपना परिवार मानें। उन्होंने कहा कि अगर आज भी हिंदू नहीं जागे तो इसी तरह उन्हें खंड-खंड किया जाता रहेगा। पंडित धीरेंद्र शास्त्री बोले- “मेरा प्रण है कि मैं हिंदुओं को खंड-खंड नहीं होने दूँगा। ये अभियान चलता रहेगा।”
ये सारि कहानियां ये स्पष्ट करती हैं की कैसे मिशनरियां लगातार हिन्दुओं को लालच देकर यानि धोखा देकर उन्हें ईसाई बना रही हैं अब सोचने की बात ये हैं की जहाँ लोगों को लालच देकर, बरगलाकर , डराकर उनका कथित रूप से धर्म परिवर्तन किया जाय वो वाकई धर्म है या अधर्म