हिन्दू शेर टी राजा सिंह पर एक बार फिर से FIR हुयी है,रामनवमी की शोभा यात्रा के जुलूस में आपत्तिजनक बयानबाजी का आरोप लगाया गया है। लेकिन हम कहना चाहते हैं की पहले हिन्दुओं को न्याय दिया जाये , हिन्दुओं पर जिन कट्टरपंथी तत्वों ने हमले किये उन्हें सजा दी जाय. राजा सिंह ने तो केवल बोला ही है लेकिन कट्टरपंथियों ने तो हिन्दुओं को मारा, लूटा, आग लगाई और बंगाल की CM ने संविधान का अपमान किया और हिन्दुओं को चेतावनी दी की मुश्लिम इलाकों में यात्रा ना निकालें .. क्या एक CM का ऐसा कहना संविधान सम्मत है ? क्या उनपर FIR हुयी?
FIR में शिकायत पुलिस की तरफ से दी गई है। शिकायत में बताया गया है कि 30 मार्च 2023 को विधायरक राजा सिंह ने आपत्तिजनक बयानबाजी की है। इस बयान में राजा सिंह द्वारा किसी के बाप से भी न डरने की बात कहते हुए भगवान राम को गाली देने वालों का मुँह बंद कराने की बात कही। राजा सिंह ने तेलंगाना सरकार को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर वो जिन्दा रहेंगे तो उस सरकार के लिए सिरदर्द बनेंगे और मौत भी आई तो इसे हिंदुत्व के लिए ख़ुशी-ख़ुशी कबूल करेंगे। राजा सिंह का पूरा बयान सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध है।
FIR में इस बात का भी जिक्र है कि राजा सिंह ने पुलिस वालों को भी कहा कि जब वो रिटायर हो जाएँगे तो उनकी बहन-बेटियाँ भी लव जिहाद और अपहरण की शिकार होंगी। राजा सिंह ने खुद और अपने परिवार को धमकी मिलने का जिक्र किया। हालाँकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी हत्या हो जाएगी बेटा हिन्दू धर्म का काम करेगा। साथ ही उन्होंने अपने परिवार की तरफ नजर उठाने का नामोनिशान खत्म करने की भी बात कही। पुलिस ने इस बयान को शाँति और सद्भाव बिगाड़ने वाला बता IPC की धारा 153-A और 506 के तहत FIR दर्ज की है।
राजा सिंह ने स्थिति को देखते हुए वो बातें कहीं जो आपत्तिजनक से पहले विचारणीय हैं, और यदि उनका कहना आपत्तिजनक है तो बताये प्रशाशन और सरकार की क्या हिन्दू खतरे में नहीं हैं ? क्या हिन्दुओं पर कट्टरपंथियों द्वारा हमले नहीं हो रहे ? क्या हिन्दू बहन बेटियों के साथ लव जेहाद नहीं हो रहे ? और क्या प्रशासन हिन्दुओं की सुरक्षा कर पा रहा है ?
जब प्रशासन हिन्दुओं की सुरक्षा करने में असमर्थ है तो क्या हिन्दुओं को उनकी स्वरक्षा के लिए कहना आपत्तिजनक है ? और क्या पूरा देश नहीं देख रहा की किस तरह विशेष समुदाय देश में अशांति फैला रहा है , कैसे बात बात पर वो दंगे फसाद करते हैं , सर तन से जुदा के नारे लगते हैं , अरे पुलिस वालो तक को नहीं छोड़ते ..
प्रशासन अपनी कमियों का ठीकरा हिन्दुओं पर फोड़ना बंद करे और अपने कार्य का निष्पक्षता से निर्वाहन करे तो इस देश में कोई समस्या ही नहीं होगी लेकिन दुर्भाग्य की कानून तो खुद कुछ नेताओं की कठपुतली के रूप में कार्य करता है ..
राजा सिंह यदि गलत है तो उनसे पहल बंगाल की CM गलत हैं जिन्होंने दंगाई कटरपंथियों को हौसला दिया और हिन्दुओं को चेतावनी दी की मुश्लिम इलाकों से यात्रा ना निकाले , दोषी हर उस राज्य का प्रशासन है जिसने हिन्दुओं को उनके त्योंहार मानाने से रोका क्योंकि वो कट्टरपंथियों से भयभीतहै , वो डरते है की कहीं हिन्दुओं को परमिशन देने से मुश्लिम भड़क न जाएँ और गड़बड़ ना के यानी उन्हें कानून व्यवस्था पर खुदको भरोसा नहीं और उन्हें यकीं है कट्टरपंथियों पर की वो पुलिस से नहीं संभलेंगे .
ये अत्यंत ही शर्मनाक बात है देश के कानून प्रशाशन के लिए की वो कट्टरपंथियों की भयानक व्यवस्था के सामने नतमस्तक हैं , उन्हें रोकने पर विचार करने के बजाय हिन्दुओं को दबाने पर कार्य करते हैं, लेकिन हम प्रशासन को बताना चाहते हैं की ये अनुचित हैं , हिन्दुओं को इतना दबाना उचित नहीं , उनकी सहिष्णुता का इतना फायदा उठाना ठीक नहीं, हिन्दुओं की सहिष्णुता जवाब दे और उनके भीतर का ज्वालामुखी फूटे इससे पहले ही प्रशासन निष्पक्षता से कार्य करता हुवा कट्टरपंथ पर लगाम लगाए , और कट्टरपंथ के साथ साथ वामपंथी देशविरोधी विचारधारा पर भी काबू पाने का प्रयास करे
हिन्दू कानून और संविधान का सम्मान करते हैं इसका मतलब ये नहीं की वो कानून और संविधान को समझते नहीं ... इसलिए उनके साथ कानून और संविधान का दुष्प्रयोग करना बंद किया जाय
एक स्वतंत्र भारतीय सनातनी की कलम से