अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी के विधायक इकबाल महमूद ने कहा मुगलों का इतिहास पूरी दुनिया में है, सरकार के मिटाने से मुगल मिटेंगे नहीं।
उन्हें हैवान मुगलों की ही सोच है जो देश में जगह-जगह दंगा कराती है, लूटपाट कराती है, लव जेहाद कराती है देश को आग लग जाती है ऐसे मुगलों का पूरी तरह नामोनिशान मिटा देना चाहिए तभी देश में कुछ हद तक शांति स्थापित हो सकती है। आखिर क्यों उन लोगों की पहचान लेकर आगे बढ़ा जाए जिन्होंने देश को लूटा देश की संस्कृति को बर्बाद किया।
दुष्ट मुगल वही है जिनके कारण जौहर हुए , जिन्होंने नालंदा का विश्वविद्यालय जलाया, जिन्होंने हिंदुओं के नर मुंडो के किले बनाने का रिकॉर्ड स्थापित किया, जिन्होंने हिंदुओं की जनेऊ तोल तोल कर उनसे गर्म पानी करवाकर स्नान किया, ऐसे मुगलों का महिमामंडन आज तक वामपंथी इतिहासकारों के कारण हमारे देश में होता रहा और हमें पढ़ना पड़ा। लेकिन अब यह सच्चाई दुनिया के सामने है और इन मुगलों के इतिहास को हटाने का यह एनसीईआरटी का निर्णय सराहनीय है स्वागत के योग्य है।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव कर मुगलों से जुड़ी जानकारी हटाने का फैसला किया है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी विधायक इकबाल महमूद ने कहा है कि मुगलों का इतिहास पूरी दुनिया में है। सरकार के मिटाने से मुगल नहीं मिटेंगे।
सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा है कि मुगलों ने लंबे समय तक हिंदुस्तान में राज किया है। मुगलों का इतिहास पूरी दुनिया में पढ़ाया जाता है। देश की किताबों से मुगलों की जानकारी हटाने से कुछ नहीं होगा। अब तक जितनी भी किताबें अब छप चुकी हैं उन्हें जब्त किया जाना चाहिए। इससे आने वाली पीढ़ी को मुगलों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकेगी।
इकबाल महमूद ने आगे कहा है कि मुगलों ने भारत को ताजमहल, लाल किला, और कुतुब मीनार जैसी इमारतें दी हैं। मुगलों ने भारत का पैसा भारत में ही लगाया। लेकिन यहाँ ऐसे लोग हुए हैं, जिन्होंने भारत को लूटा है। मुगलों ने हिंदुस्तान को तरक्की का रास्ता दिखाया। लाल किला और कुतुब मीनार का नाम बदलने से इतिहास को नहीं बदला जा सकता। सरकार सिर्फ अपने लिए और अपने वोटों के लिए ही काम कर रही है। भारत कभी हिंदू राष्ट्र नहीं हो सकता।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी का मुगल प्रेम किसी से छिपा नहीं है। दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव से लेकर वर्तमान अध्यक्ष अखिलेश यादव तक मुगलों के प्रति अपना प्रेम दिखाते रहे हैं। अब एनसीईआरटी द्वारा सिलेबस में बदलाव होने के बाद सपा नेताओं का भड़कना स्वाभाविक है।
क्या है मामला
दरअसल, नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं के पाठ्यक्रम में कई बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी की किताबों में हुआ है। इतिहास की किताब से मुगल इतिहास से जुड़ी जानकारी हटाई गई है। वहीं हिंदी के पाठ्यक्रम से कविताएँ और पैराग्राफ हटाने का फैसला किया गया है। इसके अलावा 10वीं और 11वीं के पाठ्यक्रम से भी मुगल इतिहास से जुड़ी जानकारी हटाई गई है।