घटना पाकिस्तान की भले ही है लेकिन है तो मदरसे की ...ये हकीकत कोई और नहीं खुद एक मौलाना बता रहा है और बच्चों को मदरसों से दूर रहे की सलाह दे रहा है ..क्योंकि उनके अनुशार मदरसे GAY तैयार करने की फैक्ट्री बन रहे हैं .. वैसे हाल ही रमजान में ही २ खबरें इस बात की पुष्टि करती हुयी आयी थी जिसमें एक मस्जिद से थी और और मदरसे से दोनों में मौलाना ने लड़को का रेप किया था
दोनों खबरें पढ़ें के लिए क्लिक करें १- मस्जिद में मौलवी ने किया लड़के का रेप , २- मदरसे में मौलवी ने किया लड़के का रेप
पाकिस्तान के एक मौलाना का वीडियो खासा वायरल हो रहा है। मौलाना इस वीडियो में पाकिस्तान के मस्जिदों-मदरसों पर टिप्पणी करते हुए कह रहा है कि हमने एक ऐसी इंडस्ट्री लगा रखी है, जो Gays को पैदा करती है। मौलाना ने कहा कि ये इंडस्ट्री न सिर्फ समलैंगिकों को पैदा करती है, बल्कि उसने ऐसी व्यवस्था बना रखी है कि हर गाँव, हर शहर और हर गली-गली में 200 गज पर मस्जिद बनी हुई है और वहाँ ये सब होता है।
उसने कहा कि जो मोहल्ले में पहुँच गया वो वहाँ करता है, जो शहर में पहुँच गया वो वहाँ करता है। उसने कहा कि ये बात सबको पता है, लेकिन ये मसला इतना आसान भी नहीं है कि चुटकुले बना कर इसे खत्म किया जा सके। मौलाना ने कहा कि इस व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि दीन इन चीजों से नहीं चलता है। साथ ही उसने अभिभावकों को सलाह भी दी है कि वो अपने बच्चों को मस्जिदों-मदरसों में पढ़ने के लिए न भेजें।
मौलाना ने अभिभावकों को मैट्रिक (दसवीं) के बाद ही बाहर भेजने की सलाह देते हुए कहा कि उससे पहले बच्चों को घर में ही पढ़ाया जाना चाहिए। उसने कहा कि अगर बच्चा नहीं भी पढ़ता है तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उसे मदरसों के हवाले नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान में हाल के दिनों में मदरसों के कई शिक्षकों/मौलवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो यौन शोषण के आरोपित रहे हैं। पंजाब प्रांत में पिछले साल एक मौलाना धराया था, जिसने 10 नाबालिगों का यौन शोषण किया था।
पाकिस्तान से मौलानाओं के वीडियो सामने आते रहते हैं। अल्पसंख्यकों के लिए जहन्नुम कहे जाने वाले पाकिस्तान में कट्टरपंथियों द्वारा होली न मनाने देने के एलान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। वायरल वीडियो में एक मौलाना सिंध की जमीन को सूफियों की जमीन बताते हुए वहाँ सिर्फ मोहम्मद के दिन ही जश्न मनाए जाने की नसीहत दी थी। एक भीड़ को संबोधित करते हुए दिए इस बयान का वहाँ मंच और सामने मौजूद लोगों द्वारा समर्थन किया गया था।