देश के कानून में जो दूरदर्शिता की कमी है , जो लूपहोल्स हैं उनका कैसे दुरुपयोग होता है और कैसे उनका दुष्परिणाम निरपराध लोगों को भुगतना पड़ता है उसका एक अच्छा उदहारण है ये मामला

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मथुरा में छह साल के दलित बच्चे की हत्या में फंसाए गए ब्राह्मण परिवार के साथ एससी-एसटी आयोग खड़ा हुवा। आयोग के चेयरमैन ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए एसएसपी मथुरा को आदेश दिया है कि झूठा मुकदमा लिखवाने वाली महिला के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट कराई जाए। इतना ही नहीं बच्चे की हत्या में उसने जो 4 लाख 12 हजार रुपया आर्थिक सहायता का लिया था, उसकी वसूली की जाए।
यह सनसनीखेज मामला नौहझील के गांव भैरई का है। गांव की दलित महिला गुड्डी देवी ने 19 अगस्त को अपने छह साल के बेटे प्रिंस की अपने देवर आकाश के साथ मिलकर हत्या कर दी और गांव के ही बच्चू पंडित समेत ब्राह्मण परिवार के पांच लोगों को हत्या और एससीएसटी एक्ट के तहत नामजद करा दिया।
4.12 लाख रुपए भी वसूले जाएंगे
इतना ही नहीं दलित की हत्या पर पहली किस्त के रूप में मिलने वाली 4.12 लाख की रकम भी हासिल कर ली। खुलासा होने के बाद मामला एससी-एसटी आयोग तक भी पहुंच गया। आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एसएसपी बबलू कुमार को झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली दलित महिला के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने को कहा है।