गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 47
आज का पंचांग
रविवार,३०/०४/२०२३,
वैसाख शुक्ल दशमी , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 08:28 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅दिनांक - 30 अप्रैल 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - मघा दोपहर 03:30 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅योग - वृद्धि सुबह 11:17 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅राहु काल - शाम 05:29 से 07:06 तक
⛅सूर्योदय - 06:08
⛅सूर्यास्त - 07:06
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:24 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:59 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - श्री माँ आनन्दमयी जयंती
⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹मोहिनी एकादशी - 01 मई 2023🌹
🔹एकादशी तिथि 30 अप्रैल रात्रि 08:28 से 01 मई रात्रि 10:09 तक
🔸एकादशी के दिन कुछ बातों का ध्यान रखें🔸
१. बार-बार पानी नही पियें ।
२. वाणी या शरीर से हिंसा न करें ।
३. अपवित्रता का त्याग करें ।
४. असत्य भाषण न करें ।
५. पान न चबायें ।
६. दिन को नीद न करें ।
७. संसारी व्यवहार- मैथुन भूलकर भी न करें ।
८. जुआ और जुआरियों की बातों में न आयें ।
९. रात को शयन कम करें, थोड़ा जागरण करें ( रात्रि १२ बजे तक ) ।
१०. पतित, हलकी वार्ता करें-सुनें नहीं ।
११. दातुन न चबायें, मंजन कर लें ।
🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸
👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
👉 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
🔹 रविवार विशेष🔹
🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।
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