सेक्युलरिज्म और भाईचारे की बड़ी बड़ी बातें करनेवाले पहले इन मौलाना साहब को सुन लें, बिलकुल साफ साफ शब्दों में अल्लाह, कुरान सबका हवाला देते हुए सच्चाई बयां कर रहे हैं।
जम्हूरियत का मतलब यह थोड़ी है कि आप किसी देश में रहो ठीक है भाई भाई बन कर रहो लेकिन इसका मतलब यह थोड़ी है कि आप किसी को दिवाली पर मुबारकबाद देंगे होली पर मुबारकबाद देंगे।
मौलाना साहब का साफ-साफ कहना है कि मुस्लिमों को अन्य जो लोग हैं यानी गैर मुस्लिम उनके त्योहारों पर उन्हें बधाइयां नहीं देनी चाहिए यह उनके अनुसार गलत है।
एक मुसलमान, मुसलमान होकर किसी गैर मुस्लिम को कहे दिवाली मुबारक, हैप्पी दिवाली हैप्पी होली, माफ कीजिएगा इसी चीज को खत्म करने के लिए ही तो रसूल आए।
बार-बार हिंदुओं को भाईचारे की घुट्टी पिलाने वाले लोगों के लिए यह वीडियो एक सबक है और ऐसे मौलानाओ पर कोई खास कार्यवाही भी नहीं होती यह सबसे बड़ी समस्या है हमारे देश के कानून और प्रशासन की आखिर यह कैसा भाईचारा है जो केवल दिखावटी है और दिल से यह हिंदुओं को उनके त्योहारों की शुभकामनाएं तक देना नहीं चाहते।
वैसे ध्यान रहे बाबासाहेब आंबेडकर ने साफ-साफ इनके भाईचारे के बारे में कहा था कि इनका भाईचारा केवल अपने ही मजहब के लोगों से संबंधित है👇👇