ईश्वर-अल्लाह सब एक है ऐसा एक बुजुर्ग ने बताया था। (ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान।)
मैंने सोचा चलो इस बार तीर्थ यात्रा नहीं करते मक्का मदीना चलते हैं।
तीर्थ भी हो जायगा और घूम भी लेंगे।
मैं रजिस्ट्रेशन करवाने गया।
मेरा नाम सुनकर ही विंडो वाला चौंक गया।
बोला "भाई आप हज पर नहीं जा सकते!"
मैंने पूछा, क्यों भाई ?
वो बोला "अलाउ नहीं है । "
मैं बोला 'क्यों भाई अलाउ क्यों नहीं है?
मैं हिंदू हूँ और ईश्वर अल्लाह तो एक है और सबके हैं। वो बोला "ऐसा किसने कहा??"
मैंने सीना चौड़ाकर कहा "बापू ने"
वो बोला *"आपका दिमाग खराब हो गया है क्या"? घूमने के लिये इतनी जगह पड़ी है और आप वहाँ जाना चाहते हैं*
जहाँ अलाउ नहीं है।
वहाँ केवल *"अल्लाह के बन्दे ही जा सकते हैं।"*
तब से मैं *बापू के चेलों को ढूंढ रहा हूँ! जिन्होंने हिंदुस्तान से इतना बड़ा झूठ बोला ।।*