लेकिन इससे भी कई गुना बड़ा और भयानक आरोप अब लग रहा है जो दिल्ली समेत देश के लिए बड़ी चिंता का विषय है , जिसपर गहन जांच और उचित कार्यवाही नहीं हुई तो देश के भविष्य के लिए अत्यंत घातक परिणाम तैयार होंगे।
भाजपा दिल्ली की प्रवक्ता अनुजा कपूर ने आरोप लगाया है कि म्यांमार के रोहिंग्या अप्रवासी अवैध रूप से दिल्ली सरकार के अधिकारियों की मदद से आधार कार्ड और आयकर प्रमाणपत्र (ईडब्ल्यूएस स्थिति दिखाने के लिए) जैसे दस्तावेज प्राप्त कर रहे हैं।
शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत , सरकारी स्कूलों और हिंदुओं द्वारा प्रबंधित निजी स्कूलों (अल्पसंख्यकों को आरटीई से छूट दी गई है) को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और वंचित समूहों से संबंधित छात्रों के लिए 25% सीटें आरक्षित करने की आवश्यकता है।
उसने दावा किया है कि इस पूरे रैकेट को उप शिक्षा निदेशक (निजी स्कूल शाखा) योगेश पाल सिंह, दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली के राजस्व विभाग और द्वारका के तहसीलदार भूप सिंह की देखरेख में अंजाम दिया जा रहा है.
यदि यह सच है, तो यह हमारी राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले गरीब परिवारों के भारतीय बच्चों के लिए बने ईडब्ल्यूएस कोटे का स्पष्ट उल्लंघन है। अवैध रोहिंग्या अप्रवासी सुरक्षा के लिए खतरा हैं और केंद्र उन्हें हमारे देश से निर्वासित करने पर विचार कर रहा है
क्या आम आदमी पार्टी इन रोहिंग्या ओं को भारत में बसाकर अपने वोट बैंक के लिए तैयार कर रही है? क्या यह देश के लिए एक बड़े खतरे की आहट नहीं है?
केंद्र सरकार को चाहिए कि इस मामले में गंभीरता से जांच करें और देश को आने वाले बड़े खतरे से बचाएं। दिल्ली वासियों को भी अपने आंख कान खुले रखते हुए प्रशासन को हर प्रकार की अवैध गतिविधि की सूचना देनी चाहिए और उस पर कार्यवाही हो ऐसा सुनिश्चित करना चाहिए अन्यथा आने वाले भविष्य में आपकी पीढ़ियों को एक बड़े खतरे का सामना करना पड़ेगा।

