मैहर माता मंदिर में मुस्लिम कर्मचारी 30😳 , सेक्युलरिज्म के नाम पर हिंदू आस्था और मंदिर व्यवस्था से खिलवाड़ क्यों?
Author -
Prashask Samiti
April 19, 2023
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हिंदुओं के आस्था के केंद्र मंदिरों में मुस्लिम कर्मचारियों की नियुक्ति का क्या औचित्य है? क्यों मंदिरों को जो की पूर्णत हिंदुओं की आस्था के केंद्र हैं उन्हें सेक्युलरिज्म की भेंट चढ़ाया जा रहा है? मंदिर हिंदुओं के धार्मिक स्थल हैं वो सेकुलर यानी धर्म निरपेक्ष नहीं हो सकते, इनपर जबरन सेक्युलरिक थोंपना हिंदू आस्था का अपमान है, धर्म स्थलों का अपमान है।
जानकारी के अनुशार सतना, मध्यप्रदेश स्थित महियर माता मंदिर में मुस्लिम कर्मचारी कार्यरत हैं जिन्हें हटाने का धर्मस्व विभाग ने आदेश दिया है
विभाग द्वारा जारी पत्र में मैहर शहर में मांस और शराब की बिक्री पर भी रोक लगाने के लिए कहा गया है। यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
यह पत्र मध्य प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की उप-सचिव पुष्पा कुलेश ने जिलाधिकारी को लिखी है। इसमें मंत्री उषा ठाकुर के निर्देश का हवाला दिया गया है। पत्र में कार्रवाई के बाद जिलाधिकारी से तीन दिन में रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा गया है
शासन द्वारा जारी पत्र (साभार: भास्कर) मंदिर प्रबंधन समिति में 3 परमानेंट मुस्लिम कर्मचारी हैं। एक कर्मचारी का नाम आबिद हुसैन है और वह विधिक सलाहकार की भूमिका में हैं। वहीं, दूसरे कर्मचारी अयूब खान हैं, जिन्हें जल व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, तीसरे कर्मचारी का नाम यूसूफ खान है। यहाँ तक कहा जा रहा है कि कोर्ट मैटर और वाहनों की व्यवस्था देखने वाले आबिद हुसैन का मंदिर के प्रति निष्ठा नहीं है। लोगों का कहना है कि आज तक किसी भी अदालती मामले में मंदिर प्रबंध समिति को जीत हासिल नहीं हो पाई है। आबिद के कामकाज और समिति के प्रति निष्ठा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आखिर वो लोग मंदिर के कर्मचारी क्यों हो बुतपरस्ती को हराम मानते हैं?विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल का कहते हैं कि जिनकी आस्था मंदिर, पूजा-पाठ में है ही नहीं, उनका मंदिरों में क्या काम? विहिप मांग करती है कि सरकार अविलम्ब मंदिरों के प्रबंधन से ऐसे लोगों को बाहर करे, सिर्फ उन्हें ही बाहर न करें, बल्कि सरकारों को ही मंदिर प्रबंधन से बाहर हो जाना चाहिए । मंदिरों का अधिग्रहण ही सरकारों का हिन्दू विरोधी कम्युनल एजेण्डा का परिचायक हैं। बंसल मांग करते हैं कि जिन अधिकारियों ने इस प्रकार की नियुक्तियां की हैं, सरकार उन पर भी कठोर कार्रवाई करे। साभार पंचजन्य: क्या कहा गया कुरान में इस्लाम में मूर्ति पूजा (बुत परस्ती) को हराम माना गया है। जो अल्लाह को नहीं मानते उन्हें काफिर कहते हैं। मूर्तिपूजा को लेकर कुरान सूरा दो आयत 193 कहती है कि उनके विरुद्ध तब तक लड़ते रहो जब तक मूर्तिपूजा खत्म न हो जाए। इसके अलावा सूरा छब्बीस आयत चौरानवे में लिखा है कि सभी मूर्तिपूजकों को अल्लाह औंधे मुँह नर्क की आग में डालकर जला देगा। कुरान सूरा नौ आयत अट्ठाईस कहती है ‘हे इमान् वालों (मुसलमानों) मुशरिक (मूर्ति पूजक) नापाक हैं।’ कुरान मजीद, सूरा नौ आयत पांच कहती है, जब पवित्र महीने बीत जाए तो वह जहाँ मिले उन्हें पकड़ो और उन्हें घेरो।…क्योंकि मूर्तियों को पूजने वाले नापाक (अपवित्र) हैं। काफिर यानी गैर-मुस्लिम तुम्हारे खुले दुश्मन हैं और उन ‘काफिरों’ से लड़ो जो तुम्हारे आस-पास हैं। (कुरान सूरा नौ, आयत 123)। वस्तुत: इसी प्रकार से इस्लाम में चित्रों की मनाही का ज़िक्र हदीस (सहीह अल-बुखारी) में मिलता है। इसके अनुसार एक बार हजरत मुहम्मद यात्रा से घर लौटे तो अपनी पत्नी आयशा के कमरे पर एक पर्दा देखा जिस पर चित्र बने थे। इसे देख उन्होंने गुस्से में कहा – अशहदु अल-नासा अज़ाब अल-यौम अल-कियामा अल-मुस्सविरून (क़यामत के दिन तस्वीर बनाने वालों को सबसे सख्त सजा मिलेगी)। कथित सेकुलरिज्म के नाम पर हो रहा है सब कुछ तब इन तथ्यों के आधार पर यदि मूर्ति पूजा की समीक्षा करें; उस स्थिति में क्या निष्कर्ष निकलेगा ? स्वभाविक है यही कि मूर्तिपूजक नापाक हैं, क्योंकि कुरान में लिखा है मुशरिक (मूर्तिपूजक) काफिर हैं। अब ऐसे मूर्ति पूजक और मूर्ति में ही अपने आराध्य से प्रेरणा लेने वाले, अपने सुख-दुख को उस मूर्ति के साथ बांटनेवाले, अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भण्डारा, पाठ-पूजन, अनुष्ठान, दान, दक्षिणा देकर अपार हर्ष और आनन्द अनुभूत करनेवाले सनातनी हिन्दू समाज के किसी भी श्रेष्ठ धाम में यदि सेकुलरिज्म के नाम पर आबिद, अयूब, यूसुफ को नियुक्त कर दिया जाए, जिनका कि इस विधि में कोई आस्था एवं विश्वास ही न हो तब उस स्थिति में क्या किया जाना चाहिए? मध्य प्रदेश में पवित्र नगरी मैहर सतना जिला में है और यहां स्थित मां शारदा देवी का मंदिर 555 फिट ऊँचे त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां-वहां पर एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया, ऐसे ही 51 शक्तिपीठों में एक मां शारदा का पावन धाम मैहर में त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर स्थापित हुआ, क्योंकि यहां सती का हार गिरा था। अब जिनकी मां सती में आस्था नहीं, शारदा मां में आस्था नहीं वे यदि कर्मचारी बन मंदिर परिसर में अंदर-बाहर होंगे तो विवाद तो पैदा होगा ही । जब किसी ने नहीं सुनी तब लगाई गई धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर के यहां गुहार विश्व हिन्दू परिषद एवं हिन्दू जागरण मंच के द्वारा कई बार कहे जाने के बाद भी जब पिछले कई सालों में स्थानीय प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तब मध्य प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर के यहां गुहार लगाई गई। उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने मैहर माता मंदिर समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किए। पहले प्रशासन ने मंत्री की कार्रवाई को भी नजरअंदाज किया
धर्मस्व विभाग की तरफ से पत्र 17 जनवरी 2023 को लिखा गया और देखते ही देखते तीन माह निकल गए, लेकिन सरकार में मंत्री के निर्देश पर अमल करने को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इसके बाद विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) सक्रिय हुआ और एक बार फिर इस बारे में मंत्री उषा ठाकुर को बताया गया। इसके बाद अब धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग फिर एक्शन में है और सतना कलेक्टर पूरे मामले को लेकर परीक्षण कराए जाने की बात कह रहे हैं।
इस तरह चली थी बिना हिन्दू आस्था वालों को बाहर करने की मुहिम
विहिप के 2021 में जिला मैहर अध्यक्ष महेन्द्र कुमार द्विवेदी वर्तमान में महाकौशल प्रांत गौसेवा प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि हम इस बात की मांग पिछले कई सालों से कर रहे हैं कि मां शारदा में जिनकी आस्था नहीं है, ऐसे लोगों को मंदिर परिसर में आने की भी अनुमति नहीं होनी चाहिए। यह शक्ति पीठ है, जिन्हें शक्ति की आराधना करनी है वे ही यहां के शासन-प्रशासन और परिसर में आएं-जाएं। इसके लिए उनके समेत विहिप जिला मंत्री राजनारायण सिंह और जिला संयोजक महेश तिवारी समेत पूरे संगठन ने ऐसे लोगों को मंदिर परिसर से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए मुहिम चलाई थी, लेकिन आज तक भी वे लोग बाहर नहीं किए गए, तब से लगातार प्रदेश में विभागीय मंत्री एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस संबंध में कार्रवाई करने को लिखा जा रहा है। अब यदि मंत्री उषा ठाकुर जी ने मामले को गंभीरता से लिया है तो निश्चित ही साधुवाद की पात्र हैं।
सलीम समुदाय के लोग हिन्दू नाम से चला रहे दुकानें
विश्व हिन्दू परिषद महाकौशल प्रांत जिला मैहर के संयोजक भानु प्रताप सिंह भी पिछले दो साल से विभाग की मंत्री को ज्ञापन देकर मैहर नगर पालिका एरिया से मांस मदिरा की दुकान हटाने और मुस्लिम कर्मचारी हटाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने भी कहा था कि सलीम समुदाय के लोग यहां हिन्दू नाम से दुकानें चला रहे हैं। हालांकि भोपाल से कलेक्टर के नाम पत्र आने के बाद से यहां हड़कंप की स्थिति बन गई है।
विहिप ने की मां शारदा की महाआरती की घोषणा
बजरंग दल के जिला संयोजक महेश तिवारी कहते हैं कि हम वर्षों से यह मांग करते आ रहे हैं, जिस पर अब अमल होने की बारी आई है। उन्होंने बताया कि शारदा देवी मंदिर प्रशासन समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग से संबंधित पत्र विश्व-हिंदू परिषद सतना द्वारा मंत्री महोदया को दिया गया था, जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया है। विहिप और बजरंग दल ने इस आदेश का स्वागत करते हुए माता शारदा की महाआरती किए जाने की घोषणा कर दी है।
क्या कहते हैं कलेक्टर
सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा का कहना है कि मंत्री उषा ठाकुर का पत्र प्राप्त हुआ है। उसके संबंध में परीक्षण कराया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। विश्व-हिंदू परिषद सतना ने संस्कृति मंत्री को पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी थीं, जिस पर विभाग ने आदेश जारी किया है।