कुरान जलाई, तुर्की का झंडा फूंका , डेनमार्क की घटना , इस्लामिक राष्ट्रों को निंदा

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रमजान के महीने में यूरोपियन देश डेनामर्क में कुरान जलाई गई और तुर्की के झंडे को भी आग लगाई गई। ये दूसरी घटना है जब कुरान जलाई गई है, इसके पहले जनवरी में भी डेनमार्क में कुरान जलाई गई थी।


इस घटना के बाद इस्लामिक कुलों ने चेतावनी देते हुए इस घटना की कड़ी निन्दा की । वैसे प्रश्न ये भी उठता है की आखिर ये किताब क्या कारण बताकर जलाई जाती है? और शांतिप्रिय मजहब है तो किताब को मानने वाले स्कॉलर क्यों उनके डाउट दूर करने पर विचार नहीं करते? 

वैसे इसी मजहब को मानने वाले कुछ लोग हिंदू ग्रंथो पर भी अभद्र टिप्पणी करते हैं और उन्हें जलाए जाने पर खुशियां भी मनाते हैं। लेकिन कभी हिंदुओं की तरफ से कोई आक्रामक प्रतिक्रिया नहीं दी जाती अपितु अज्ञानियों को तर्कपूर्ण जवाब दिया जाता है और फिर भी कोई हट धर्मिता करे तो कानूनी कार्यवाही के लिए कदम उठाया जाता हैं। खुदसे लोगों को मारना, आगजनी करना, आतंक फैलाना ऐसी हरकतें हिंदुओं द्वारा कभी नहीं की गई, जबकि आए दिन हिंदुओं की आस्था पर आघात होते हैं और आस्था पर प्रहार करने वालों में अनेकों लोग कथित  शांतिप्रिय मजहब से भी होते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘पैट्रियटर्न गेर’ नामक संगठन ने शुक्रवार (24 मार्च 2023) को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में तुर्की दूतावास के सामने कुरान जलाने की इस घटना को अंजाम दिया। यही नहीं इन लोगों ने तुर्की के झंडे को भी जलाया है। संगठन ने इस पूरी घटना को अपने फेसबुक पेज पर भी लाइव किया।


कुरान जलाने की घटना सामने आने के बाद से इस्लामिक देश बौखलाए हुए हैं। इसको लेकर तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा है, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में इस तरह की घटना को स्वीकार नहीं किया जाएगा। रमजान के पवित्र इस्लामी महीने में किए गए इस कृत्य से एक बार फिर स्पष्ट रूप से पता चला है कि यूरोप में इस्लामोफोबिया, भेदभाव और जेनोफोबिया खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। पहले की घटनाओं से इन लोगों ने कोई सीख नहीं ली।”


वहीं, सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा है, “कोपेनहेगन में तुर्की के दूतावास के सामने एक संगठन द्वारा पवित्र कुरान को जलाने की हम कड़ी निंदा करते हैं। सऊदी अरब बातचीत, सहिष्णुता और सम्मान के मूल्यों को मजबूत करने की जरूरत पर बल देता है। नफरत और उग्रवाद को हम अस्वीकार करते हैं।”

जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कहा है, “यह घटना किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जाएगा। रमजान के पवित्र महीने में यह नस्लवादी और मुस्लिमों को भड़काने वाला काम है। इस घटना ने न केवल हिंसा को उकसाया है बल्कि महजब का भी अपमान किया है।”

कतर ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि रमजान के महीने में कुरान को जलाने की इस घटना ने पूरी दुनिया के दो अरब से भी अधिक मुस्लिमों को उकसा दिया है।

वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने एक बयान में कहा है, “इस तरह की घटनाएँ जानबूझकर की जा रही हैं। बार-बार हो रही ऐसी घटना मुस्लिमों और उनकी आस्था के खिलाफ बढ़ती नफरत, नस्लवाद और इस्लामोफोबिया का उदाहरण है। इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात, मोरक्को, बहरीन समेत कुछ अन्य इस्लामिक देशों ने इसकी निंदा की है।

जनवरी में भी जलाई गई थी कुरान

इससे पहले डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन और स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में स्थित तुर्की दूतावास के सामने इसी साल जनवरी में कुरान जलाने की घटना सामने आई थी। कुरान जलाने वाले व्यक्ति की पहचान रासमस पलुदान के रूप में हुई थी। पलुदान के पास डेनमार्क और स्वीडन दोनों देशों की नागरिकता है। दोनों ही देश पड़ोसी हैं। इसलिए वह आसानी से दोनों में जाकर इस घटना को अंजाम दिया था।


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