गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 01 (अर्जुनविषादयोग) श्लोक 35
आज का पंचांग
शनिवार, ०४/०३/२०२३,
फाल्गुन, शुक्लपक्ष, द्वादशी, युगाब्ध - ५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 11:43 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅दिनांक - 04 मार्च 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1944
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - फाल्गुन
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - पुष्य शाम 06:41 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅योग - शोभन शाम 07:37 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅राहु काल - सुबह 09:55 से 11:23 तक
⛅सूर्योदय - 06:59
⛅सूर्यास्त - 06:44
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:21 से 06:10 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 से 01:16 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - श्री गिविंद द्वादशी, पयोव्रत समाप्त, शनिप्रदोष व्रत
⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) एवं त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔸होली की ४ महत्त्वपूर्ण बातें🔸
🔹१] पलाश के फूलों के रंग से होली खेलनी चाहिए । होली के बाद धरती पर सूर्य की सीधी तीखी किरणें पडती हैं, जिससे सप्तरंग और सप्तधातुओं में हलचल मच जाती है । अत: पलाश और गेंदे के फूलों का रंग हम होली पूर्णिमा और धुलेंडी को एक – दूसरे पर छिडकें तो वह सप्तरंग, सप्तधातुओं को संतुलित करेगा और हमें सूर्य की सीधी तीखी धूप पचाने की शक्ति मिलेगी ।
🔹२] होली के बाद के २० - २५ दिन नीम के २० - २५ कोमल पत्ते व १ - २ काली मिर्च खा लो या नीम के फूलों का रस १ – २ काली मिर्च का चूर्ण डालकर पी लो । इससे शरीर में ठंडक रहेगी और गर्मी झेलने की शक्ति आयेगी, पित्त-शमन होगा और व्यक्ति वर्षभर निरोग रहेगा ।
🔹३] होली के बाद १५ – २० दिनों तक बिना नमक का भोजन करें तो आपके स्वास्थ्य में चार चाँद लग जायें । बिना नमक का नहीं कर सकते तो कम नमकवाला भोजन करो ।
🔹४] अपने सिर को धूप से बचाना चाहिए । जो सिर पर धूप सहते हैं उनकी स्मरणशक्ति, नेत्रज्योति और कानों की सुनने की शक्ति क्षीण होने लगती है । ४२ साल के बाद बुढापा शुरू होता है, असंयमी और असावधानीवालों का दिमाग कमजोर हो जाता है । गर्मियों में नंगे सिर धूप में घूमने से पित्त बढ़ जाता है, आँखें जलती हैं । अत: सिर को धूप से बचाओं, अपने को दुःखों से बचाओ, मन को अहंकार से बचाओ और जीवात्मा को जन्म-मरण से बचा के परमात्मा से प्रेम करना सिखा दो !
🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹
🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹
🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
🌹प्रसन्नता और समता बनाये रखने का सरल उपाय
🌹प्रसन्नता बनाये रखने और उसे बढ़ाने का एक सरल उपाय यह है कि सुबह अपने कमरे में बैठकर जोर-से हँसो । आज तक जो सुख-दुःख आया वह बीत गया और जो आयेगा वह बीत जायेगा । जो होगा, देखा जायेगा । आज तो मौज में रहो। भले झूठमूठ में ही हँसो । ऐसा करते- करते सच्ची हँसी भी आ जायेगी । उससे शरीर में रक्त-संचरण ठीक से होगा । शरीर तंदुरुस्त रहेगा । बीमारियाँ नहीं सतायेंगी और दिनभर खुश रहोगे तो समस्याएँ भी भाग जायेंगी या तो आसानी से हल हो जायेंगी ।
🌹 व्यवहार में चाहे कैसे भी सुख-दुःख, हानि-लाभ, मान-अपमान के प्रसंग आयें पर आप उनसे विचलित हुए बिना चित्त की समता बनाये रखोगे तो आपको अपने आनंदप्रद स्वभाव को जगाने में देर नहीं लगेगी क्योंकि चित्त की विश्रांति परमात्म-प्रसाद की जननी है
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