हम सभी मनुष्य बीते हुए समय में कुछ बुरी चीजें जरुर करें होते है। जैसे एक चीजें तो एकदम सामान्य है की ज्यादातर लोग अपना समय यु हीं बैठकर बर्बाद कर दिए होते है। ऐसे में आपको एक पल के लिए तो डर सताता है की अब मेरा क्या होगा? मेरा जीवन कैसे चलेगा, मैं परीक्षा में कैसे पास करूँगा, अथवा मैं जीवन में कैसे सफल होऊंगा, या मेरा घर-बार कैसे चलेगा, रूपये पैसे कहाँ से आएंगें। अर्थात अलग-अलग भिन्न भिन्न तरीके से बीते हुए कल के कारण चिंतित होते है।
दूसरी ओर, कुछ लोगों को भविष्य की चिंता खाए रहती है, मेरा भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा (यह सबसे अधिक कॉमन है) क्या मुझे कोई बीमारी तो नहीं होगी, कहीं मेरी पत्नी अथवा मेरा पति तो मुझे छोड़ कर नहीं चला जाएगा। नाना प्रकार के चिंता और दुविधा भविष्य को लेकर दिमाग में चलते रहते है। इस तरह के समस्या को ही भूत और पि तुलना की गई है। और कहा गया है की महावीर के अ से इससे छुटकारा मिल सकता है।
कस भाई! महावीर कैसे मेरा भला करेंगें? कुछ लोग कहेंगें की वो भगवान है। प्रसन्न हो जाएंगें और कल्याण कर देंगें। बिलकुल, हो सकता है ऐसा। मैं इसका खंडन नहीं कर रहा, लेकिन कुछ अंदर की बातों पर विचार भी कर लेना चाहिए। ताकि हमारी श्रद्धा और विश्वास की डोर कभी खंडित न हो।
दरअसल महावीर हनुमान एक ऐसे व्यक्तित्व है जिनका जीवन एक सन्देश है। वह सन्देश है: श्रद्धा के साथ पुरुषार्थ की। उन्होंने श्री राम को भगवान माना। उन पर पूर्ण विश्वास किया। और फिर मन वचन कर्म से पुरुषार्थ किया।
पुरुषार्थ क्या होता है?
*अपने सभी इन्द्रियों और दिमाग को प्रयत्नपूर्वक एकाग्र कर किया गया परिश्रम पुरुषार्थ कहलाता है। हमारे पास ५ इन्द्रिय है: आंख, कान, नाक. मुंह और त्वचा। यदि हम इन्हें एकाग्र करने की चेष्ठा करते हुए अपने कर्म में निरत रहे तो हम श्री हनुमान का अनुशरण कर रहे होंगे और फिर ऐसे अनुशरण से हमारे पास भुत और पिसाच यानी की बीते हुए कल और आने वाले कल की डर नहीं सताएगा।* यदि आप अपने वर्तमान को साध लेते है तो आपके भूत और भविष्य के दाग मिट जाते है। मान लीजिए की आप एक विद्यार्थी है और आपने किसी वर्ष का अधिकाश समय खेल कूद में बीता दिया। अब आपके पास परिक्षा के समय काफी कम समय बचे है। यदि आप उस समय से भी वर्तमान को साध लेते है तो आपके मेधावी छात्र बनने में देर नहीं लगेगी।
और यदि आप इम्तेहान न भी पास कर सकें तो भी शत प्रतिशत सम्भावना है की आप अगले वर्ष अच्छे अंक के साथ उत्तीर्ण होंगें। साथ ही समाज में आपका सम्मान भी बढ़ेगा। इससे आपका भविष्य उज्जवल होगा। लेकिन यदि आप भूत की चिंता में ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं और कर्म नहीं कर रहे है हो तो ऐसे में आपकी आगे बढ़ने की सम्भावना समाप्त होती जाएगी।
ऐसे हम हम स्पष्ट रूप से कह सकते है की यदि हम श्री महावीर हनुमान के शरण प्राप्त करते है तो हम भूत पिशाच यानी की बीते हुए कल के कारण उत्पन्न प्रभाव या अपयश के साथ ही आने वाले भविष्य के डर से भी छुटकारा मिल जाता है।
. 🚩जय सियाराम! जय वीर हनुमान! 🚩