सभी स्नेहीजनों को चैत्र नवरात्रि की अनन्त शुभकामनाएं...!
मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है। लेकिन हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और अन्य देवी-देवताओं के साथ पृथ्वीलोक पर आती हैं, अर्थात् माता सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं, इस वर्ष नवरात्रि पर माता रानी नौका में सवार होकर आएंगी।
इस संदर्भ में शास्त्रों में कहा गया है कि-
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता।।
इसका अर्थ है सोमवार व रविवार को प्रथम पूजा यानी कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर आती हैं। शनिवार तथा मंगलवार को कलश स्थापना होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार अथवा शुक्रवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता डोली पर चढ़कर आती हैं। बुधवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं।
इसी तरह यह भी माना जाता है कि माता जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं उसके अनुसार वर्ष में होने वाली घटनाओं का भी आकलन किया जाता है।
चैत्र नवरात्र २०२३ का आगमन बुधवार को हो रहा है। देवीभागवत पुराण में बताया गया है कि नवरात्र का आरंभ बुधवार को होगा तो देवी नौका पर यानी नाव पर चढ़कर आएंगी। माता के नौका पर चढ़कर आने का मतलब यह है कि इस साल खूब वर्षा होगी जिससे आम लोगों का जीवन प्रभावित हो सकता है। बाढ़ के कारण से जन धन का बड़ा नुकसान भी हो सकता है।
चैत्र नवरात्र का समापन ३१ मार्च शुक्रवार को हो रहा है। पुराण में कहा गया है कि अगर शुक्रवार के दिन माता विदा होती हैं तो उनका वाहन हाथी होता है। हाथी वाहन होना भी इसी बात का सूचक है कि अच्छी वर्षा होगी। लेकिन कृषि के मामले में स्थिति अच्छी रहेगी। अच्छी उपज से किसान उत्साहित रहेंगे। नवसंवत् के मंत्री शुक्र और राजा बुध का होना भी यह बताता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था को संभालने का मौका मिलेगा।
।। जय माँ महादुर्गा ।।