विडंबना कहें या तुष्टीकरण का दुष्परिणाम, जहां खुद हाई कोर्ट को अपनी जमीन के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ना पड़ रहा है।।।
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सभारा : ओपिंडिया |
विडंबना देखिए:- 😟😟
इलाहाबाद हाई कोर्ट अपनी ही जमीन बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहा है
क्योंकि शांतिदूतों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की जमीन पर अवैध कब्जा कर उसपर मस्जिद बना दी और अब सुन्नी वक्फ बोर्ड हाईकोर्ट की उस जमीन पर मालिकाना हक का दावा कर रहा है।
इसे तुष्टीकरण का दुष्परिणाम इसलिए कहा जा सकता है की कांग्रेस ने तुष्टीकरण के चलते वक्फ बोर्ड को असंवैधानिक रूप से बनाया और फिर उसे इतनी शक्ति प्रदान कर दी की वो किसी भी जमीन पर अपना मालिकाना हक बता सकता है, और तो और उससे लड़ना भी कांग्रेस की नीति के कारण अत्यंत कठिन है।
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खैर कांग्रेस ने जो किया से किया लेकिन हर मामले में स्वत संज्ञान लेने को शक्ति रखने वाले हमारे माननीय सुप्रीम कोर्ट को क्या अब तक इसपर विचार करने इस वक्फ बोर्ड को भंग करने की ध्यान में नहीं आई? हिंदी त्योंहार हो या हिंदू मंदिरों का मामला बड़ी तेजी से संज्ञान लिया जाता है और उसमें कहीं हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को खास स्थान नहीं दिया जाता , लेकिन यहां वक्फ बोर्ड जो देश के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है, जो हर कोई देख पा रहा है लेकिन माननीय का इसपर ध्यान ही नहीं जा रहा
सरकार और प्रशासन को चाहिए की वोट बैंक और तुष्टीकरण को साइड करके राष्ट्रहित में इस वक्फ बोर्ड को डिसोल्व करे और देश को आने वाले खतरे से बचाए।
#DissolveWaqfBoard
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