Bangladesh - Hindu Temple Under Attack
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Bangladesh : jehadi attack on Hindu tamples |
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आज से ठीक एक वर्ष पहले यानों17 march 2022 को (हिंदू त्योंहार होली के ठीक एक दिन पहले) इस्कॉन के राधाकांत मंदिर पर 200 कट्टरपंथियों ने हमला करके तोड़फोड़, लूटपाट और श्रद्धालुओं से मारपीट की।
बांग्लादेश (Bangladesh) की राजधानी ढाका के वारी इलाके में लालमोहन साहा स्ट्रीट पर स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) पर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा हमला हुवा था। वीडियो भी सामने आया था। वीडियो में कट्टरपंथियों की भीड़ ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाह हु अकबर’ के उन्मादी नारे लगा रही है। हमले में मंदिर को काफी नुकसान हुआ।
घटना को लेकर ‘हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशनट ने कहा, “17 मार्च की रात लगभग 8 बजे 62 वर्षीय हाजी सैफुल्लाह के नेतृत्व में लगभग 150 मुस्लिमों की भीड़ ने वारी थाना अंतर्गत इस्कॉन मंदिर पर हमला किया। उन्होंने मंदिर को क्षतिग्रस्त किया और मूर्तियों को तोड़ दिया। मंदिर में रखे पैसे और अन्य कीमती सामान को भी लूट लिया। इस घटना में हिन्दू समाज के 3 श्रद्धालु घायल हुए हैं।”
ऑपइंडिया ने हमले के शिकार हुए श्री श्री राधाकांता मंदिर बांग्लादेश के प्रशासनिक सदस्यों से सम्पर्क किया। अपना नाम न जाहिर करने की माँग के साथ उन्होंने आभार प्रकट करते हुए कहा कि अगर हमें मीडिया का सपोर्ट नहीं मिलेगा तो हम हिन्दू यहाँ रह नहीं पाएँगे। उन्होंने आगे बताया, “इस मंदिर की जमीन पर चरमपंथियों की बहुत पहले से नजर है। इससे पहले भी उन्होंने यहाँ कब्जा करने का प्रयास किया है, जिसकी शिकायत हमने दर्ज करवाई थी। कल शाम को उन्होंने मंदिर पर हमला कर के यहाँ लूटपाट की है।”
बांग्लादेश में इस्कॉन (ISKCON) मंदिर पर पिछले 13 वर्षों में छठा हमला था
होली से ठीक एक दिन पहले, यानी 17 मार्च 2022 को राजधानी ढाका के वारी में स्थित इस्कॉन के राधाकांत मंदिर पर 200 कट्टरपंथियों ने हमला करके तोड़फोड़, लूटपाट और श्रद्धालुओं से मारपीट की। ये हालिया हमला हाल के वर्षों में बांग्लादेश में इस्कॉन और हिंदुओं पर बढ़ते हमलों में से एक था।
एक तरफ हिंदू भाईचारा निभाते हुए भाई बनने का प्रयास ही किए जा रहे हैं और दूसरी तरफ वो निरंतर हिंदुओं को चारा बना रहे हैं, ऐसे में सारे गलती तो उनकी नहीं, कुछ तो हिंदुओं की भी है जो ठोकर खाकर भी सीखने को तैयार नहीं
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प्रतीकात्मक : हिंदुओं द्वारा भाईचारा, सेक्युलरिज्म का पालन (इफ्तार) |
पिछले साल 13 अक्टूबर 2021 को दुर्गा पूजा के दौरान कुरान के अपमान की एक झूठी अफवाह के बाद देशभर में हिंदुओं के खिलाफ दंगा भड़क उठा था और हजारों कट्टरपंथियों ने देश भर के सैकड़ों मंदिरों पर हमला किया था। हमलावरों ने इस दौरान एक बौद्ध मठ को भी आग लगा दी थी।
इस हमले में हिंदुओं के सैकड़ों घरों और दुकानों को आग लगा दी गई थी। इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे।
इस दौरान 15 अक्टूबर 2021 को इस्कॉन के नोआखली स्थित मंदिर पर भी हमला किया गया था, जिसमें 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
बांग्लादेश में पिछले 13 वर्षों में अकेले इस्कॉन पर ही 6 हमले हो चुके हैं। पिछले एक दशक में दुनियाभर में इस्कॉन मंदिरों पर सबसे ज्यादा हमले बांग्लादेश में हुए हैं।
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बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों पर हमले। |
2009: इस्कॉन मंदिर, चटगांव द्वारा संचालित एक अनाथालय पर हमला। अनाथालय में फर्नीचर और मूर्तियां तोड़ दी गईं और श्रद्धालुओं की पिटाई की गई। दंगाइयों ने मंदिर और अनाथालय पर नियंत्रण करने की भी कोशिश की।
2015: इस्कॉन मंदिर, दिनाजपुर पर जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के आतंकियों ने हमला किया था। आतंकियों ने गोलियां चलाईं और हमले में कम से कम 2 लोग घायल हो गए।
2016: सिलहट में इस्कॉन मंदिर पर कट्टरपंथियों ने हमला किया था, इसमें कम से कम 10 लोग घायल हो गए थे।
2018: इस्कॉन ढाका की ओर से निकाली जाने वाली रथ यात्रा पर हमला किया गया, जिसमें 6 श्रद्धालु घायल हो गए थे।
2020: अंसार अल-इस्लाम समूह ने इस्कॉन मंदिर, ढाका पर हमले की योजना बनाई, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
2021: दुर्गा नवमी (15 अक्टूबर) के दौरान, मुस्लिमों की भीड़ ने नोआखली में इस्कॉन मंदिर पर हमला किया, 2 श्रद्धालुओं की मौत हुई।
2022: 17 मार्च को ढाका स्थित इस्कॉन (राधाकांत मंदिर) पर 200 कट्टरपंथियों की भीड़ का हमला, 3 श्रद्धालु घायल हुए।
2009 से 2023 के बीच इस्लामिक मुल्क बांग्लादेश में हुए हिंदू मंदिरों पर कुछ हमलों की सूची।
इसके अलावा भी इस्लामिक मुल्क बांग्लादेश में मंदिरों पर कई हमले हुए हैं, और भारत में भी मंदिरों, यात्राओं पर हमले कोई नई बात नहीं है।
यदि हिंदू मंदिरों, संस्कृति, सभ्यता और स्वयं हिंदुओं को सुरक्षित रहना है तो हिंदू राष्ट्र की मांग पूरी शक्ति के साथ उठानी होगी और जो इस मुहिम में जुटे हुए हैं उनका साथ देना होगा अन्यथा आने वाले समय में स्थिति इतनी विकराल होगी की हिंदुओं को जीने के लिए भी किसी अन्य पर आधारित होना होगा।
समिति द्वारा इसी विषय पर किए गए ट्वीट को रिट्वीट भी करें
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