आज रामनवमी का त्यौहार है पूरे देश में ही नहीं संपूर्ण विश्व में हिंदू रामनवमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि भारत के ही अन्य को इलाकों में हिंदुओं को रामनवमी की शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं मिली है कारण विशेष समुदाय का आतंक....!
कहने को भारत एक सेकुलर राष्ट्र है लेकिन भारत के ही अनेकों इलाकों में हिंदुओं को अपने त्योंहारों पर रैलियां निकालने की अनुमति नहीं दी जाती, अनेकों इलाकों में हिंदुओं की रैलियों पर कट्टरपंथियों द्वारा हमले किए जाते हैं जिन्हें रोकने में प्रशासन भी असफल हो जाता है। ऐसे में हिंदुओं के मन में "हिंदू राष्ट्र" का विचार आना तो बनता है। एक ऐसा हिंदू राष्ट्र जहां हिंदुओं को भी पूरे देश में कहीं भी अपने त्योंहार मनाने की अनुमति होगी।
Opindia की रिपोर्ट के अनुशार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मुस्लिम इलाकों से जुलूस निकालने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे रही हैं। वहीं, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी दिल्ली के सीमित इलाकों में ही भगवान राम का जुलूस निकालने की इजाजत दी है।
पढ़िए रामनवमी पर पूरी रिपोर्ट और सोचिए की यदि हमें अपने त्योंहार, अपनी परंपराएं जीवित रखना हैं तो क्या करना होगा? "हिंदू राष्ट्र भारत" का समर्थन करना चाहिए या नहीं?
देश भर में रामनवमी धूमधाम से मनाई जा रही है। इस बीच मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति भी जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मुस्लिम इलाकों से जुलूस निकालने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे रही हैं। वहीं, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी दिल्ली के सीमित इलाकों में ही भगवान राम का जुलूस निकालने की इजाजत दी है।
पिछले साल दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस पर हमला कर दिया गया था। बाद मे बड़े पैमाने पर हिंदुओं को भी निशाना बनाया गया था। जहाँगीरपुरी इलाके के कई हिंदू डर से इलाका छोड़ दिए थे। रामनवमी के शोभा यात्रा के साथ भी यही हुआ था। अब रामनवमी पर जुलूस निकालने से हिंदुओं को रोक दिया गया है।
इस बार भी रामनवमी लोग उमंग और उत्साह से मनाए जा रहे हैं। पिछले साल के हनुमान जयंती की तरह इस बार भी हिंदुओं पर किसी तरह का हमला ना हो, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। इलाके की निगरानी ड्रोन कैमरों से की जा रही हैं। हालाँकि, जहाँगीरपुरी के जिस इलाके में पिछले साल हिंदुओं पर हमले किए गए थे, उस तरफ जुलूस की इजाजत नहीं दी गई है।
हालाँकि, प्रशासन ने जहाँगीरपुरी के एक सीमित इलाके में ही रामनवमी का जुलूस निकालने की अनुमति दे दी है। इसके लिए पुलिस ने जहाँगीरपुरी के रामलीला मैदान के 200 मीटर के दायरे में बैरिकेडिंग की है। इस बैरिकेडिंग के बाहर कोई जुलूस आदि नहीं निकल सकता। हर आयोजक यह सीमा मानने के लिए बाध्य है। हालाँकि, हिंदू शांतिपूर्ण तरीके से भगवान राम का जन्मोत्सव मना रहे हैैं।
शोभा यात्रा को लेकर दिल्ली नॉर्थ-वेस्ट जिले के डीसीपी जीतेंद्र मीणा ने कहा, “पूरे ज़िले में पुलिस तैनात है। जहाँगीरपुरी में एहतियाती व्यवस्था की गई है। जुलूस या शोभा यात्रा की अनुमति नहीं है, लोग पार्क में शांतिपूर्वक रामनवमी मना सकते हैं।” इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
हालाँकि, सायमा जैसी कट्टरपंथी सोच रखने वाले लोग जहाँगीरपुरी में सीमित दायरे में भी राम नवमी मनाए जाने को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं। सायमा ने रामनवमी मना रहे लोगों की तस्वीरें रिट्वीट करते हुए लिखा, “ये क्या है?”
ये क्या है?”
शहजाद खान नाम के एक कथित पत्रकार ने लिखा, “जहाँगीरपुरी में रामनवमी जुलूस और रमज़ान प्रेयर दोनों की परमिशन पुलिस ने नहीं दी, लेकिन रामनवमी का जुलूस निकाला गया।”
उमर नाम के एक मुस्लिम यूजर ने लिखा, “देखिए कि रैली करने की अनुमति देने से पुलिस द्वारा इनकार करने के बाद भी वे अपना रास्ता बनाया?”
बता दें कि पिछले साल 16 अप्रैल को दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के जुलूस पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था। जुलूस शांतिपूर्वक चल रहा था। इसी दौरान इलाके के जामा मस्जिद के पास अंसार शेख और उसके साथी ने जुलूस को रोक दिया। इस दौरान उन्होंने बहस करना शुरू कर दिया। बाद में जुलूस पर पथराव कर दिया गया।
प्राथमिकी के अनुसार, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन इस्लामवादियों ने आदेशों की अवहेलना की और वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने हिंदू श्रद्धालुओं पर पत्थर और कांच की बोतलें भी फेंकी। बाद में सोनू चिकना नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा जुलूस पर गोलियाँ चलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।