पंचांग, 12 मार्च 23
गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 01 (अर्जुनविषादयोग) श्लोक 44
आज का पंचांग
रविवार, १२/०३/२०२३,
चैत्र, कृष्ण ५, युगाब्ध - ५१२४
⛅दिनांक - 12 मार्च 2023
⛅दिन - रविवार
⛅विक्रम संवत् - 2079
⛅शक संवत् - 1944
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - चैत्र
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅तिथि - पंचमी रात्रि 10:01 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅नक्षत्र - स्वाती सुबह 08:00 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅योग - व्याघात शाम 06:43 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅राहु काल - शाम 05:18 से 06:47 तक
⛅सूर्योदय - 06:52
⛅सूर्यास्त - 06:47
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:03 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:13 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - रंग पंचमी
⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹कफशमन हेतु आयुर्वेदिक उपाय🔹
🔸बच्चों को कफ – संबंधी बीमारियाँ ज्यादा होती हैं । साल में तीन बार बच्चों की बीमारियों का मौसम होता है । कफ की समस्या है तो कफ सिरप पिला दो १ – २ दिन, ३ दिन बस, ठीक हो जायेगा बच्चा । डॉक्टर के यहाँ जाना नहीं पड़ेगा । कोई अंग्रेजी दवा की जरूरत नहीं है । तुलसी बीज टेबलेट सुबह – शाम १ – १ गोली दो । एकदम छोटा बच्चा है तो १ – १ गोली और १२ साल से बड़ा है तो २ – २ गोली भी दे सकते हैं ।
🔸और एक बहुत अच्छा उपाय है और बिल्कुल कारगर है । १० ग्राम लहसुन और १ ग्राम तुलसी-बीज पीस के ५० ग्राम शहद में डाल दो, चटनी बन गयी । बच्चे को सुबह – शाम ५ – ५ ग्राम थोड़ा – थोड़ा करके चटाओ । ह्रदय भी मजबूत हो जायेगा, कफ भी नष्ट हो जायेगा । ऐसे ही बच्चों के लिए तुलसी टॉफी बनवायी है । उसमें तुलसी के बीज और त्रिकटु (सोंठ, काली मिर्च व पीपर ) डलवाये हैं ताकि कफ शांत हो जाय ।
🔹उष्णोदक – पान🔹
🔸एक लीटर पानी को इतना उबालें कि २५० मि.ली. बचे । गुनगुना रहने पर पिलायें । बच्चों को एकदम जादुई फायदा कर देगा । कोई दवा की जरूरत नहीं, कफ सिरप की भी जरूरत नहीं ।
🔸विशेष सावधानी : खाँसते हैं तो कफ आता है और फिर कई लोग उसको निगल जाते हैं । कफ आये तो निगलना नहीं चाहिए, नुकसान करता है । जिसको कफ आता हो उसको कुछ दिन तक लस्सी, छाछ, दही, दूध व मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए ।
📖 ऋषि प्रसाद – फरवरी २०२० से
🔹 रविवार विशेष🔹
🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।
🔹गृहके समीपस्थ वृक्ष (भाग -1)🔹
👉 (१) अशोक, पुन्नाग, मौलसिरी, शमी, चम्पा, अर्जुन, कटहल, केतकी, चमेली, पाटल, नारियल, नागकेशर, अड़हुल, महुआ, वट, सेमल, बकुल, शाल आदि वृक्ष घरके पास शुभ हैं ।
👉 पाकर, गूलर, आम, नीम, बहेड़ा, पीपल, कपित्थ, अगस्त्य, बेर, निर्गुण्डी, इमली, कदम्ब, केला, नींबू, अनार, खजूर, बेल आदि वृक्ष घरके पास अशुभ हैं ।
(२) कई वृक्ष ऐसे हैं, जो दिशा विशेषमें स्थित होनेपर शुभ अथवा अशुभ फल देनेवाले हो जाते हैं; जैसे-
👉 पूर्वमें पीपल भय तथा निर्धनता देता है । परन्तु बरगद कामना पूर्ति करता है ।
👉 आग्नेय में वट, पीपल, सेमल, पाकर तथा गूलर पीड़ा और मृत्यु देनेवाले हैं । परन्तु अनार शुभ है । दक्षिण में पाकर रोग तथा पराजय देनेवाला है, और आम, कैथ, अगस्त्य तथा निर्गुण्डी धननाश करनेवाले हैं । परन्तु गूलर शुभ है। नैर्ऋत्य में इमली शुभ है ।
👉 दक्षिण- नैर्ऋत्य में जामुन और कदम्ब शुभ हैं ।
👉 पश्चिम में वट होने से राजपीड़ा, स्त्रीनाश व कुलनाश होता है, और आम, कैथ अगस्त्य तथा निर्गुण्डी धननाशक हैं । परन्तु पीपल शुभदायक है ।
👉 वायव्य में बेल शुभदायक है ।